डेंगू पीड़ित बच्ची के इलाज में लापरवाही और परिजनों से बदसलूकी मामले में अंबिकापुर के निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की गई

Chhattisgarh Crimesडेंगू पीड़ित बच्ची के इलाज में लापरवाही और परिजनों से बदसलूकी मामले में अंबिकापुर के निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है। बच्ची का हॉस्पिटल में इलाज करने के बजाय उन्हें जबरदस्ती भगा देने और बदसलूकी की शिकायत गांधीनगर थाने में की गई थी। कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था।

जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर की मेयर कॉलोनी के निवासी एडवोकेट नीरज वर्मा ने कोर्ट में बताया कि उनकी बेटी की तबीयत 5 सितंबर 2023 को बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। उन्होंने उसे इलाज के लिए डॉ. टेकाम के नवापारा स्थित क्लिनिक में दिखाया। जांच में पता चला कि बेटी को खून की कमी है और उसमें डेंगू के लक्षण भी हैं।

हालत में कोई सुधार नहीं होने पर नीरज वर्मा ने 7 सितंबर को बेटी को अंबिकापुर के महावीर हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए ले जाया।

जांच के बाद इलाज करने से इनकार

नीरज वर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी बीमार बेटी के इलाज के लिए महावीर हॉस्पिटल में पहले 300 रुपए ओपीडी फीस जमा की। जांच के बाद डॉक्टर ने दवा लिखी और भर्ती के लिए तीन हजार रुपए और खून की जांच के लिए भी पैसे लेकर ब्लड सैंपल लिया गया।

केज्युअल्टी वार्ड में जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर है। उसे टायफाइड और डेंगू दोनों हैं, जिससे खून और प्लेटलेट्स का लेवल बहुत कम हो गया है। डॉक्टर ने दो यूनिट प्लेटलेट्स और दो यूनिट खून चढ़ाने की जरूरत बताई।

इसके बाद केज्युअल्टी में ही बच्ची को इंजेक्शन और स्लाइन लगाया गया, लेकिन वहां सिर्फ दो बेड थे और दोनों पहले से फुल थे। ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि जनरल वार्ड में बेड नंबर 12 खाली है, इसलिए बच्ची को वहां शिफ्ट किया जाए।

नए मरीजों के आने पर बेटी को कुर्सी पर बैठाया

नीरज वर्मा ने बताया कि जब अस्पताल में नए मरीज आने लगे तो उनकी बेटी को स्लाइन लगी हालत में जनरल वार्ड की एक कुर्सी पर बैठा दिया गया। करीब दो घंटे तक बेड नहीं मिलने पर उन्होंने नर्सिंग स्टाफ से बार-बार निवेदन किया कि किसी तरह बेटी को एक बेड दिया जाए। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर बेड नहीं है तो जमीन पर ही बिस्तर लगा दिया जाए, ताकि मरीज को ज्यादा तकलीफ न हो।

लेकिन नीरज वर्मा का कहना है कि उनकी यह बात अस्पताल प्रबंधन को बुरी लग गई। गुस्से में आकर अस्पताल वालों ने बदतमीजी की और साफ कह दिया कि इसका इलाज हमारे अस्पताल में नहीं होगा। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ को मरीज को हटाने के लिए कहा गया।

अस्पताल प्रबंधन ने नीरज वर्मा और उनकी बीमार बेटी के साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें अस्पताल से बाहर निकाल दिया। इतना ही नहीं, जांच की रिपोर्ट और इलाज से जुड़ी फाइल भी उन्हें नहीं दी गई।

कोर्ट ने दिया FIR का आदेश मामले में नीरज वर्मा की शिकायत पर कोर्ट में सुनवाई के बाद कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद गांधीनगर पुलिस ने महावीर हॉस्पिटल के डॉक्टर सुधांशु किरण (एमडी मेडिसिन) के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।

डॉक्टर पर IPC की धारा 270 (बीमारी फैलाने वाले खतरनाक काम) और 294 (गाली-गलौज) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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