जानकारी के मुताबिक, ग्राम रजपुरी निवासी मुनेश्वरी राजवाड़े उर्फ आशा राजवाड़े (45) का खून से लथपथ शव उसके घर में 30 अप्रैल 2025 को मिला था। हत्या के पहले मुनेश्वरी राजवाड़े अपने छोटे बेटे गोलू राजवाड़े (18 ) के साथ अपने मायके ग्राम पुहपुटरा गई थी।
29 अप्रैल को वह अपने घर रजपुरी लौट आई थी, जबकि बेटा नानी के घर ही रुक गया था। गोलू राजवाड़े दूसरे दिन करीब 11 बजे वापस घर पहुंचा। घर के अंदर मुनेश्वरी की लाश पड़ी थी।
हत्यारे का नहीं मिला सुराग
घटना की सूचना पर लखनपुर पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया कि, मुनेश्वरी की हत्या जब की गई, तब वह सो रही थी। घर में संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं।
मुनेश्वरी का शव बिस्तर पर पड़ा था। पास ही दीवाल पर खून के छींटे भी मिले। उसके गले पर धारदार हथियार से तीन से चार वार किया गया है। उसकी मौत के बाद शव को कंबल से ढंक दिया गया।
पुलिस जांच में पता चला कि मुनेश्वरी राजवाड़े का पति श्याम राजवाड़े ने काफी सालों पहले उसे छोड़ दिया था। वह घर में अपने छोटे बेटे गोलू राजवाड़े के साथ रहती थी। मुनेश्वरी का बड़ा बेटा पास के गांव में घर-जमाई के रूप में रह रहा है।
अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने की पुलिस की अब तक की सभी कोशिशें बेकार गईं। मामले में कोई सुराग नहीं मिलने पर सरगुजा एसपी राजेश अग्रवाल ने हत्या के आरोपी का सुराग देने पर पांच हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।