मैनपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांव गरीब और किसानों की चिंता अपने हाथों में ले ली है। जिसके फलस्वरूप ऐलान किया है कि छत्तीसगढ़ में भूमिहीन कृषि मजदूरों को हर साल 6000 रूपये राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत दिए जाने का घोषणा किया गया है। जिसके लिए भूमिहीन कृषि मजदूरों के द्वारा ग्राम पंचायतों में जाकर अपना आवेदन फॉर्म भर रहे है।
वहीं दुसरी और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भूमिहीन कृषि मजदूरों को साल भर मे 6000 रूपये देने की घोषणा को लेकर युवा संघर्ष मोर्चा के युमेन्द्र कश्यप नें राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए जारी प्रेस विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भूमिहीन कृषि मजदूरों को साल में 6000 रूपये देने की घोषणा को मजाकिया बताते हुए कहा कि किसी भी परिवार में 5 से 6 सदस्य होते ही है। जिनके महीने भर के राशन में खर्च सहित अति आवश्यक खर्चों को मिलाकर लगभग 5 से 6 हजार रुपये तक हो रहा है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी योजना बता कर सालाना गरीब भूमिहीन मजदूरों को महज 6000 रुपए देने की बात से यह स्पष्ट हो रहा है कि भूमिहीन कृषि मजदूर के परिवारों का उपहास उड़ाया जा रहा है।
कश्यप नें राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस की सरकार एवं मुखिया भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के भूमिहीन कृषि मजदूर के परिवारों की इतनी ही फिक्र है तो सालाना महज 6000 रुपये नहीं बल्कि गरीब मजदूरों के हितेषी बनकर वास्तव में 15000 रुपये दिया जावे। जो सीधे राशि उनके बैंक खाते में न डालते हुए पंचायत के माध्यम से नगद भुगतान किया जाए। साथ ही भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को साल भर की राशन फ्री में दिया जाए। साल भर में सिर्फ रुपये 6000 देने की घोषणा भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार का मजाक है।