
शिकायत के मुताबिक, पीड़िता के ससुर अशोक कुमार लुनिया एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं और कवर्धा जिले में रहते हैं। उनके साथ परिवार के अन्य सदस्यों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
‘कम दहेज लाने’ का ताना देने का आरोप
पीड़िता के शिकायत के मुताबिक, उनकी शादी 10 जून 2025 को दुर्ग के नगपुरा तीर्थ में हुई थी। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने शादी में टीवी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन, गद्दे-बिस्तर, लगभग 17-20 तोला सोना, डेढ़ किलो चांदी और 5 लाख रुपए नकद फर्नीचर व अन्य सामान खरीदने के लिए दिए थे।
प्रेरणा का आरोप है कि शादी के सिर्फ तीन दिन बाद ही पति और ससुराल वाले उन्हें ‘कम दहेज लाने’ का ताना देने लगे। उन्होंने बताया कि कामवाली बाई के जाने के बाद उनसे घर का सारा काम करवाया जाता था। विरोध करने पर गाली-गलौज की जाती, कमरे में बंद कर मारपीट की जाती और उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था।
प्रेरणा ने यह भी आरोप लगाया कि उनसे अंडरगारमेंट्स तक धुलवाए जाते थे। परिवार के सदस्य खुद खाना खाकर बचा हुआ उन्हें देते थे, जिसके कारण कई बार उन्हें भूखे सोना पड़ता था।
सुसराल के 7 सदस्यों पर मामला दर्ज
प्रेरणा ने अपनी शिकायत में 7 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें पति अमन लुनिया, देवर आयुष लुनिया, सास सितारा देवी लुनिया, ससुर अशोक कुमार लुनिया (सेवानिवृत्त न्यायाधीश), बड़े ससुर अजय बोथरा, बड़ी सास लता बोथरा और रिश्तेदारी से जुड़े अन्य परिवारजन शामिल हैं।
इन सभी पर दहेज मांगने, मारपीट करने, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देने, बहू का स्त्रीधन रोकने और उसे घर से निकालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं, उसका कहना है कि पति ने अपनी दुकान के लिए 25 लाख भी मांगे।
पीड़िता बोली- नौकरानी जैसा काम करवाते थे
पीड़िता ने अपने शिकायत में कहा कि सास-ससुर और पति मुझे नौकरानी जैसा व्यवहार करते थे। उनके जूते-चप्पल तक मुझे साफ करवाए जाते थे। पहले खुद खाना खाते, बचे तो देते, नहीं तो मुझे भूखे ही रहना पड़ता था। अक्सर कमरे में बंद कर पिटाई करते थे।
प्रेरणा ने अपने देवर आयुष लुनिया पर एक और गंभीर आरोप लगाया है कि रोज शराब पीकर वो कमरे में घुस आता था। गाली-गलौच करता और हाथ पकड़कर कमरे से बाहर निकाल देता था।पति पर रोज मारने का आरोप है।
महिला थाने में 3 बार काउंसलिंग, सभी असफल
प्रेरणा ने 4 अक्टूबर को महिला थाना दुर्ग में शिकायत दी थी, जिस पर 7 अक्टूबर , 28 अक्टूबर और 4 नवंबर को काउंसलिंग की कोशिश की गई, लेकिन ससुराल पक्ष ने किसी में सहयोग नहीं किया।
शिकायत पर महिला थाना ने धारा 85, 3(5), BNS की अन्य धाराएं और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत अपराध दर्ज हुआ है। आवेदिका ने मांग की है कि उनका स्त्रीधन लौटाया जाएं, आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो।