
सुसाइड नोट के अनुसार, व्यापारी ने इन लोगों पर लगातार मानसिक प्रताड़ना, 5 प्रतिशत मासिक ब्याज की वसूली, गुंडों से धमकाने और अपमानित करने का आरोप लगाया था। 15 दिनों बाद इस मामले में पुलिस ने चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामला सुरगी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, रामखिलावन साहू (49) ने सुसाइड कर ली थी। शुरुआत में पुलिस ने केवल मर्ग कायम किया और 5-7 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की। इससे परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। परिवार ने कलेक्टर और एसपी से शिकायत कर तत्काल केस दर्ज करने की मांग की थी।
आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
इसके बाद पुलिस ने सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग जांच, परिजनों-संदिग्धों के बयान और अन्य तकनीकी साक्ष्य की जांच की। सुरगी पुलिस चौकी में राजेंद्र गोलछा, आढ़तिया उमेश पालीवाल, रमेश पालीवाल और शिव कुमार सहित चार नामजद लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।
रामखिलावन साहू के बेटे हरिशंकर साहू ने बताया कि पिता ने आरके ज्वेलर्स और आढ़तियों से कुछ रकम उधार ली थी। इसके बाद लगातार गुंडे भेजना, धमकियां और अपमान होता रहा। घटना वाले दिन उनके पिता बहुत परेशान थे।भतीजा ताराचंद साहू के अनुसार, चाचा ने इस बार मंडी में बड़ी मात्रा में धान बेचा था, लेकिन पैसा साहूकारों के पास अटक गया।
सुसाइड नोट की करवाई जा रही जांच
भतीजे ने कहा कि रकम मांगने पर उन्हें धमकियां मिलीं, जिससे वे मानसिक तनाव में आ गए। परिवार को शुरुआती दिनों में पुलिस की निष्क्रियता के कारण लगा था कि आरोपियों को उनके रसूख के चलते संरक्षण मिल रहा है।
इस मामले में एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि चार व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सुसाइड नोट की जांच विशेषज्ञों से करवाई जा रही है।