मणिपुर की घटना पर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने किया घोर निन्दा

Chhattisgarh Crimes

बागबाहरा। मणिपुर में आदिवासी महिलाओं पर क्रूरता के साथ आबरू लुटा गया है। यह घटना पूरा देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से भारत देश के पूरे आदिवासी समाज अचंभित,चिंतित व भयभीत है। इस घृणित घटना की घोर निन्दा छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने किया है । महामहिम राष्ट्रपति जी को मेल द्वारा पत्र प्रेषित कर छ.ग.सर्व आदिवासी समाज जिला महासमुन्द के जिलाध्यक्ष मनोहर ठाकुर ने कहा है कि कलंकित करने वाले इस घटना के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन कुमार जिम्मेदार हैं। और इनकी जिम्मेदारी पर पर्दा ढंकने का कुत्सित प्रयासरत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी राष्ट्रहित पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। ऐसे समय में भारत के राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू एवं मणिपुर के राज्यपाल अनुसूईया उईके को दलगत भावना से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में संवेदनशीलता की परिचय देकर मणिपुर राज्य सरकार को बर्खास्त करने की निर्णय लेने की आवश्यकता है।

आदिवासी नेता मनोहर ठाकुर ने आगे कहा है कि मणिपुर राज्य के कांगपोकपी जिले के बी फैलोम गांव में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सार्वजनिक रूप से भीड़ में घुमा कर सामूहिक बलत्कार करने की हिंसक घटित घटना ने केवल आदिवासी समाज ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश को झकझोर कर रख दिया है। लगभग 5000 घरों को जला दिया जाना तथा लोगों को बेघर रहने के लिए विवश करना व दंगा फसाद कर अशांत मणिपुर बना दिया गया है। आखिर ऐसे हरकत करने वाले व हालात बनाने वाले कौन हैं? मणिपुर राज्य सरकार द्वारा आरोपियों को खुली छूट दिये जाने की मंशा समझ से परे है।और जब ऐसी परिस्थिति निर्मित हो तब प्रधानमंत्री मोदी जी के चुप्पी की स्थिति में राज्यपाल आदिवासी अनुसूईया उईके भी निर्भिक होकर लोकहित में कैसे निर्णय ले सकती है।तब अब तो भारत के राष्ट्रपति आदिवासी द्रोपती मुर्मू को त्वरित निर्णय लेते हुए मणिपुर राज्य सरकार को बर्खास्त कर तथा उच्च स्तरीय जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करवा कर अपनी संवेदनशीलता को साबित करने की आवश्यकता है।तभी दुनिया में भारत की शाख को बचाया जा सकता है।