वनांचल क्षेत्र के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा से वंचित, शासन प्रशासन से कई बार आश्वासन तो मिला लेकिन आदेश मिलना बाकी

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/गरियाबंद। जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के दर्जनो ग्रामो में आज भी आंँगनबाडी केंद्र नही खुल पाने के कारण सैकडो आदिवासी मासूम बच्चो को जंहा एक ओर पोषण आहार व प्रारंभिक शिक्षा आंगनबाडी केंद्र से मिलने थी उससे वंचित हो रहे हैं।

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वही आंँगनबाडी के माध्यम से संचालित गर्भवती माताओ के लिए गर्म भोजन व अन्य योजनाओ का लाभ से भी महिलाए वंचित हो रही है।

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ऐसा नही की इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियो को न हो कई बार आंँगनबाडी केंद्र खोलने की मांग को लेकर ग्रामीण मैनपुर गरियाबंद पहुँचकर आवेदन देकर थक चुके है हर बार सिर्फ उन्हे आश्वासन मिलता है लेकिन अब तक आंगनबाडी केन्द्र नही खुल पा रहा है, हालाकि विभाग के द्वारा ऐसे गांवो में नवनिहालो को पोषण आहार जैसे सुविधा देने की दावा किया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है दो से तीन किलोमीटर दुर होने के कारण किसी भी हाल मे 0 से 05 बच्चे दुसरे गांव के आंँगनबाडी केंद्र नही पहुँच पाते महिला बाल विकास विभाग एंव शासन प्रशासन को चाहिए कि इस दूरस्थ वनाँचल आदिवासी क्षेत्र के नवनिहाल बच्चो को पोषण आहार व अन्य सुविधा उपलब्ध कराने ऐसे ग्रामो मे आंगनबाडी खोला जाये मिली जानकारी के अनुसार मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिरीघाट के छोटेपारा, पटेलपारा, ग्राम पंचायत गोहरापदर के भाठीपारा, ग्राम पंचायत बजाडी के आदिवासी पारा, ग्राम पंचायत गुरजीभाठा अ के लक्ष्मीपारा, ग्राम पंचायत काण्डेकेला के पटेलपारा, ग्राम पंचायत उरमाल के साहूपारा, जुनापारा, ग्राम पंचायत भेजीपदर अडारपारा, ग्राम पंचायत साहेबिनकछार के खलिया डोंगरीपारा, ग्राम पंचायत कोयबा के नायकपारा, ग्राम पंचायत बोईरगांव के कन्हारपारा, डोंगरीपारा, ग्राम पंचायत जिडार के बुढार, ग्राम पंचायत गरहाडीह के कांदाखोदरा, डोंगरीपारा, ग्राम पंचायत कुचेंगा के भाँठापानी कमारपारा, ग्राम पंचायत गोना के रक्शापथरा, ग्राम पंचायत कोकड़ी के डूमरबुड़रा, ग्राम पंचायत चलनापदर के धु्रर्वापारा, ग्राम पंचायत भैसमुडी के धु्ररवापारा एंव नदीपारा सहित 24 ग्रामो मे वर्षो से आंगनबाडी केंद्र खोलने की मांग किया जा रहा है लेकिन अब तक आंगनबाडी नही खोला गया है। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर दुरस्थ वनांचल के कमार आदिवासी बाहुल्य ग्रामो मे आंगनबाडी नही होने से,महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित प्रारंभिक शिक्षा का लाभ आज तक नहीं मिल पा रहा है, प्राथमिक शिक्षा का स्तर कैसे ऊंचा उठ पाएगा यह विचारणीय प्रश्न है, इन कमार आदिवासी परिवारों के दशा और दिशा बदलने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार संकल्पित नजर आते है, इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारियो द्वारा इस मामले को संज्ञान में नहीं लेना समझ से परे लगता है।

सरपंच ने बताया कि 50 से ज्यादा बार आवेदन देकर थक चुके है

ग्राम पंचायत गोना के सरपंच सुनिल मरकाम ने बताया कि गोना से रक्शापथरा की दुरी 08 किलोमीटर दुर है और आज तक यहाँ आंगनबाडी नही खोला गया है वही ग्राम पंचायत दबनई के सरपंच घनश्याम नागेश ने बताया कि कमारपारा, डडईपानी मे आंगनबाडी खोलने की मांग को लेकर थक चुके है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।

इस गंभीर समस्या को विभाग नजरअंदाज कर रही है ,ऐसा लगता है की इन आदिवासी कमार बच्चों की आवाज इन विभागीय कर्मचारियों के कानों तक नहीं पहुँच पा रही है, आंगनबाड़ी केंद्र की अत्यंत आवश्यकता है बच्चों के नाम पंजी मे दर्ज है, लेकिन अधिक दूरी होने से केंद्र में नहीं पहुंच पाते एवं बच्चों को हम अभी तक प्रारंभिक शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, विभागीय अधिकारियों के टीम गांव तक पहुंच करके नया आंगनबाड़ी केंद्र खोलने हेतु प्रस्ताव कर लिया गया है लेकिन अभी तक नया आंगनबाड़ी केंद्र का दरवाजा इन बच्चो के किस्मत में नहीं खुल पाया है। ऐसा लगता है कि वास्तव में जंगल पहाड़ी में बसने वाले मूलनिवासियो की गांवों की स्थिति आज भी विकास के मामले में काफी पिछड़ा है, क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे भी इस इलाके में कम होने से वास्तविकता की जानकारी नहीं मिल पाती है, छोटे-छोटे बच्चों व इनके पालकों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है कि अविलम्ब इन कमार बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जाय जिससे शासन के विभिन्न योजनाओ के लाभ के साथ प्रारंभिक शिक्षा मिल सके।

क्या कहते है अधिकारी

महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी चन्द्रहास साहू बताया कि मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के 24 ग्रामो में नवीन आंगनबाडी केन्द्र खोलने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। स्वीकृती मिलते ही आंगनबाडी खोला जायेगां।

क्या कहते है सरपंच

ग्राम पंचायत गोना के सरपंच सुनील मरकाम ने बताया कि 50 बार आंगनबाडी खोलने के लिए आवेदन देकर थक चुके है ग्राम गोना के आश्रित ग्राम रक्शापथरा जिसकी दुरी 08 किलोमीटर है आज तक आंगनबाडी नही खुला है जबकि यहा आंगनबाडी खोला जाना बहुत जरूरी है।