क्रिसमस मनाने की ऐसे हुई थी शुरूआत, जानें क्रिसमस ट्री की कहानी

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धर्म। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। ईसाई समुदाय के लोग बड़ी धूमधाम के साथ पर्व मनाते हैं। इस दिन उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है। घरों में क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है। ईसाई धार्मिक मान्यता के अनुसार क्रिसमस डे के दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

ईसाई मान्यता के अुनसार 360 ईस्वी के आसपास पहली बार रोम के एक चर्च में ईसा मसीह के जन्मदिन का समारोह किया गया। लेकिन इस समय जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन की तारीख को लेकर बहस जारी थी। इसके बाद चौथी शताब्दी में 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस घोषित किया गया। साल 1836 में अमेरिका में क्रिसमस डे को आधिकारिक रूप से मान्यता मिली और 25 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया।

पर्व में क्रिसमस ट्री का बेहद खास महत्व है। कहते हैं उत्तरी यूरोप में कई हजार साल पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरूआत हुई थी। हालांकि उस समय फेयर नाम के एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया जाता था।

धीरे.धीरे क्रिसमस ट्री का चलन हर जगह बढ़ता चला गया और हर कोई इस मौके पर पेड़ घर पर लाने लगा। एक मान्यता के अनुसार जीसस के जन्म के समय खुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने क्रिसमस ट्री को सजाया था। इसी मान्यता के अनुसार क्रिसमस के मौके पर लोग क्रिसमस ट्री को रंग.बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।