सीआईएसएफ के जवान अब गोलाबारी और तोप का अभ्यास कर सकेंगे, मिली 150 एकड़ जमीन

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान अब मैदानी गोलाबारी और तोप का अभ्यास कर सकेंगे। इस काम के लिए राज्य सरकार ने इस केंद्रीय बल को करीब 150 एकड़ जमीन देने की तैयारी कर ली है। इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन भी किया गया है।

सीआईएसएफ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल दुर्ग जिले के उतई में तैनात है। यह बल बीएसपी सहित अन्य संस्थाओं को सुरक्षा प्रदान करने का काम करता है। इस बल को अगले पांच साल के लिए 59.74 हेक्टेयर यानी करीब 150 एकड़ जमीन दी जा रही है। यह जमीन दुर्ग जिले के डूमरडीह में पटवारी हल्का नंबर 30 राजस्व निरीक्षक मंडल अंडा में स्थित है। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक मैनोवर्स फील्ड एंड आर्टलरी एक्ट 1938 क्रमांक 5 सन 1938 की धारा 09 की उपधारा 01 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए दी जा रही है। सीआईएसएफ को यह जमीन जनवरी 2020 से 31 दिंसबर 2025 यानी पांच साल के लिए दी जाएगी।

इस कालावधि के लिए नियतकालिक रूप से मैदानी गोलाबारी तथा तोप अभ्यास किया जाना प्राधिकृत किया जा सकेगा। जिस एक्ट के तहत छत्तीसगढ़ में सीआईएसएफ को जमीन दी जा रही है। उसी एक्ट यानी मैनोवर्स फील्ड फायरिंग एंड आर्टिलरी प्रैक्टिस एक्ट के तहत एमपी में वर्ष 2019 में सीआरपीएफ को भी 265 हेक्टेयर जमीन पांच साल के लिए दी गई है। एमपी सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में कहा गया है कि एब्सल्यूट सेफ्टीजोन में जो अभ्यास के दौरान कम से कम जन हानि हो इसका प्रयास सीआरपीए को करना होगा।

अभ्यास के दौरान जनहानि और पशुहानि फसल आदि की हानि होने पर नियमानुसार मुआवजा राशि का भुगतान करना होगा। रेंज के अंतर्गत व आसपास रहने वालों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी रेंज कमांडिंग आॅफिसर की होगी। अभ्यास के दौरान रास्ता बंद नहीं किया जाएगा लेकिन छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में इस प्रकार की शर्तों का उल्लेख नहीं है।

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