रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने जिलों के कलेक्टरों से कहा है कि सड़कों पर पशुओं के आने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कलेक्टर स्वयं सड़कों पर जाकर आकस्मिक निरीक्षण करें। मुख्य सचिव ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से राज्य के रायपुर, बस्तर और दुर्ग संभागायुक्तों और दंतेवाड़ा, बस्तर, कोण्डागांव, कांकेर, मोहला-मानपुर-चौकी, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली।
बैठक में पशुओं के कारण दुर्घटना जन्य सड़कों का चिन्हांकन और इन सड़कों से पशुओं को हटाएं जाने की व्यवस्था के संबंध में जिलेवार विस्तार से समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पशुओं को सड़कों पर आने से रोकने के लिए चिन्हांकित ग्रामों और नगरीय क्षेत्रों में पशु पालकों के व्यवहार चेंज करने का प्रयास करें एवं इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनायें। बैठक में मुख्य सचिव ने चिन्हांकित सड़कों पर पशुओं के आने से संबंधित शिकायतें प्राप्त करने एवं उनके निराकरण की व्यवस्था के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टरों ने बताया कि पशुओं के कारण दुर्घटना जन्य सड़कों का चिन्हांकन कर लिया गया है। सभी ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों में सड़कों पर आने वाले पालतू और आवारा पशुओं पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। पशुओं को टैगिंग और रेडियम बेल्ट लगाएं जा रहे है। पशुओं को सड़कों से हटाकर गौशालाओं, गौठानों और कांजीहाउस में ले जाकर सुरक्षित रखा जा रहा है। पशुओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है। ऐसे पशु जिनके कोई मालिक उन्हें लेने नही आ रहे है उनकी नीलामी भी की जा रही है। पशु पालकों को समझाइस दी जा रही है कि वे अपने पशुओं को सड़़कों पर नही छोड़े। पशुओं के सड़कों पर आने से दुर्घटनाएं हो जाती है, जिससे सभी को नुकसान होता है। पशु पालकों को यह भी बताया जा रहा है कि यदि उनके पशु सड़कों पर पाएं जाते है उन पर जुर्माना वसूली की जाएगी।
जिला अधिकारियों ने बताया कि जिला सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से त्रैमास में हुई पशु जन्य सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण किया जाकर इसके लिए उत्तरदायित्व निर्धारण कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जिलों में प्रशासन द्वारा की जा रही सड़कों पर पशुओं को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही से अच्छे परिणाम मिलने लगे है। बैठक में कलेक्टरों ने अपने जिले के गौठानों, गौशालाओं और कांजीहाउस की स्थिति की विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टरों ने पशुओं को सड़क से हटाने की व्यवस्था के लिए तैनात अधिकारी-कर्मचारियों और काउ केचर वाहन के संबंध में भी जानकारी दी। बैठक में पशुओं को रखने हेतु गौशालाओं, गौठानों और कांजीहाउस की मैपिंग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।