कोरोना संक्रमण का ना हो प्रसार, इसलिए त्यौहारों पर सख्ती बरत रहे हैं ग्रामीण

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। आमतौर पर यही कहा जाता हे कि ग्रामीण क्षेत्रों में जारूकता का अभाव रहता है, पर जबसे वैश्विक महामारी कोरोना का पदार्पण हुआ है, इस मिथ्या को ग्रामीणों ने तोड़ कर रख दिया है। उनकी जागरूकता का आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जब मार्च में पूरे देश में लॉकडाउन कोरोना संक्रमा के चलते लगाया गया था तब शहरी क्षेत्रों में दुकानें बंद रखने, लोगों के अनावश्यक घूमने को रोकने के लिए पूरा सरकारी अमला सड़क पर था और लोगों को घर पर रखने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ रहा था।

जबकि दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वमेव ही बिना किसी दबाव या बल प्रयोग किये बिना ग्रामीणों ने अपने आपको अपने-अपने गांव व घरों में कैद कर शालीनता और एक जागरूक नागरिक होने का परिचय दिया था, वह नि:संदेह काबिले तारीफ है। वहीं दूसरी ओर शहर में जहां सबसे अधिक जागरूकता है वहां का रवैय्या बिलकुल उल्टा नज़र आया और अब भी आ रहा है। लोगों को प्रशासन लगातार कोरोना गाइड लाईन का पालन करते हुए अब जब लॉकडाउन हट चुका है अपना काम करने को कह रही है, पर लोगों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग लगातार तार-तार हो रही है। यहां तक मास्क पहनाने के लिए प्रशासन को जुर्माना वसूलने जैसे कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण अपने जागरूकता का परिचय तीज त्यौहार पर सख्ती बरत कर दिखा रहे हैं, ताकि कोरोना का संक्रमण ना फैल सके। ग्रामीण क्षेत्रों में राखी का त्यौहार हो या तीजा-पोरा का त्यौहार हो स्वमेव होकर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाकर जहां कोरोना संक्रमण के फैलते प्रकोप को रोकने में बहूत बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं तीज-त्यौहार पर जो खुशियां गांवों के वातावरण को खुशनुमा बना देता है उसकी एक तरह से तिलांजली भी हंसते-हंसते दी है।
गुरुवार को तीज पर्व देश सहित छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में मनाया गया। प्रदेश के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में आवाजाही पर रोक के चलते बहू बेटी अपने-अपने मायके नहीं जा पार्इं। इस बात का दुख नजर जरुर आ रहा था, पर खुशी इस बात का था कि हम कोरोना की जंग को जीतने के लिए इतना तो कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ क्राइम्स ने कुछ ग्रामीण रूपेन्द्र देवांगन, देवलाल कनेसर, ममता धु्रव मगरलोड, शत्रुधन जतमई से चर्चा किया तो उनका मानना था कि गांव में तीज त्यौहार पर काफी संख्या में लोग एक गांव से दूसरे गांव आना-जाना करते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक है, ऐसे में इस लाइलाज बीमारी से बचने ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा जो प्रतिबंध तीज-त्यौहारों पर लगाया जा रहा है वह काफी हद तक उचित है।