जगदलपुर। झीरम नक्सल कांड की बरसी से तीन दिन पहले उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार झीरम कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। शर्मा ने कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी इस मामले को लेकर तंज कसते हुए कहा कि सबूत उनकी जेब में हैं, वे निकाल नहीं रहे हैं। उसे निकलवाना पड़ेगा।
बुधवार को बस्तर दौरे पर जगदलपुर पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने यह बात भाजपा जिला कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कही। झीरम नक्सल कांड 11 साल पहले 25 मई 2013 को हुआ था। सुकमा से केशलूर लौट रही कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर जगदलपुर से 42 किलोमीटर पहले दरभा के झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला कर 33 लोेगों को मौत के घाट उतार दिया था। मरने वालों में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व मंत्री महेन्द्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार आदि कई बड़े नेता शामिल थे।
हमले में घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की भी 18 दिनों बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना की जांच प्रदेश सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में गठित विशेष न्यायिक जांच आयोग से कराई थी। जिसकी रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने भी घटना की जांच की है। चर्चा में विजय शर्मा ने नक्सलवाद सहित विभिन्न विषयों पर खुलकर सरकार का पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के बाद जब से भाजपा सत्ता में आई है नक्सलियों के खिलाफ लगातार आपरेशन किया जा रहे हैं। इसके बाद भी सरकार वार्ता के लिए पूरी तरह से तैयार है। फिलहाल राजशाही जैसी स्थिति नहीं है इसलिए बातचीत के जरिए दशकों पुरानी इस समस्या का समाधान तलाशने के प्रयास किया जा रहे हैं। पुनर्वास नीति को और भी अच्छा बनाया जाएगा।
कोई नया नक्सली न बने इसके लिए सरकार संकल्पित
विजय शर्मा ने कहा कि नक्सल पुनर्वास नीति को और अच्छा बनाया जाएगा। इसके लिए जानकारों और बस्तर के विशिष्ट लोगों से सरकार सुझाव लेगी। सरकार ने प्रदेश को नक्सलवाद की काली छाया से मुक्त करवाने का निर्णय लिया है। समर्पित नक्सलियों के लिए बेहतर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि अब कोई नया नक्सली न बने।
पीड़िया मुठभेड़ में कोई संदेह नहीं
उप मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों हुई पीड़िया मुठभेड़ को लेकर भी बेबाकी से बात रखी। उन्होंन साफ किया कि मुठभेड़ में कोई संदेह जैसी स्थिति है ही नहीं। बहुत सारी सूचनाएं एकत्रित करने के बाद इस तरह के आपरेशन किए जाते हैं। जो लोग भी इसे फर्जी ठहरा रहे हैं वे गलत कह रहे हैं। पीड़िया में मारे गए नक्सलियों के पुलिस रिकार्ड हैं। इसके बाद भी कांग्रेस इस मामले को लेकर राजनीति करने का प्रयास कर रही है