महासमुंद राजस्व विभाग की लापरवाही से विकास का बिगड़ता मास्टर प्लान…

Chhattisgarh Crimes

कॉमर्शियल भूमि का आवासीय क्षेत्र बताकर कर दिया डायवर्सन…

जयदेव सिंह/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
महासमुंद। हाऊसिंग बोर्ड के बाद अब देखा सिखी आम लोग भी मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। महासमुंद विकास योजना 2031 में प्रस्तावित जिस क्षेत्र के भूमि को वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) दर्ज है, वहां अब आवास (मकान) बनाया जा रहा है। पंचायत ने भी कॉमर्शियल भूमि पर मकान बनाने का प्रस्ताव दे डाला। यहीं नहीं इसी वाणिज्यिक भूमि से होकर 24 मीटर लिंक रोड बनना प्रस्तावित है। ये सब और कहीं नहीं बल्कि कलेक्टर कॉलोनी से महज 2 सौ मीटर की दूरी पर हो रहा है।

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ग्राम पंचायत मचेवा जाने वाली मुख्य मार्ग पर नहर से लगे दोनों ओर महासमुंद विकास योजना 2031 के मास्टर प्लान में खसरा नंबर 282/1 और 283 खसरे की भूमि को वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) घोषित किया गया। यहां व्यवसायिक कॉमप्लेक्स, दुकान आदि के लिए प्रस्तावित है। लेकिन अब यहां व्यवसायिक कॉमप्लेक्स व दुकान के बजाए मकान बनने लगे हैं। इसी कॉमर्शियल क्षेत्र के भूमि से 24 मीटर लिंक रोड भी प्रस्तावित है। विकास योजना 2031 के मास्टर प्लान की दशा बिगाड़ने में मचेवा के पंच सरपंच ने भी कोई कोरकसर नहीं छोड़ी है। मास्टर प्लान में जिस क्षेत्र को कॉमर्शियल बताया गया है, उसी क्षेत्र के लिए पंचायत द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है।

एक जानकारी के मुताबिक वार्ड क्रमांक 27, जगत बिहार कॉलोनी निवासी नीरज चंद्राकार पिता गोरेलाल चंद्राकार ने मचेवा स्थित खसरा नंबर 282/1 की भूमि को चार अलग अलग लोगों को बेचा था। इनमें वार्ड क्रमांक 29, महावीर पार्क निवासी सुरेश कुमार साहू पिता मोहनलाल साहू को 6 अप्रैल 2021 को 21 लाख 20 हजार रुपये में खसरा नंबर 282/5, रकबा 0.037 हेक्टेयर भूमि बेचा था। इसी प्रकार लोकेश चंद्राकार को खसरा नंबर 282/6, रकबा 0.013 हेक्टेयर, कीर्ति चंद्राकार को खसरा 282/8, रकबा 0.013 हेक्टेयर और भोजराज को 282/7, रकबा 0.017 हेक्टेयर खरीदा था। इसी से लगे चंद्रशेखर साहू का खसरा नंबर 283 भी है। ये सारी जमीन वाणिज्यिक क्षेत्र में दर्ज है। इनमें से सुरेश कुमार साहू ने प्रस्तावित वाणिज्यिक क्षेत्र ग्राम पंचायत मचेवा के सरपंच किरण धृतलहरे ने 9 जून 2021 को पंचायत प्रस्ताव लाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया। भूमि स्वामी ने मकान निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। और इसी वाणिज्यिक क्षेत्र के भूमि से ही एम.आर. नंबर 53 लिंक रोड प्रस्तावित है। जो नेशनल हाईवे, खरोरा जिला अस्पताल, मचेवा, ग्राम खैरा संजय कानन के पास बागबाहरा रोड से जुड़ती है। वहीं कार्यवाही के लिए बड़े अफसरों का आदेश नहीं मिलने से नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारी भी अपने को लाचार पाते हैं। इसके कारण विकास योजना में जो मास्टर प्लान बनाया गया है उसे अमल करने की बजाए सभी मटियामेट करने पर आमादा है।

महासमुंद विकास योजना 2031 को लेकर नगर तथा ग्राम निवेश का दफ्तर तो हैं। लेकिन इसके नियम कायदे से अफसरों से लेकर आम लोग तक इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। पहले हाऊसिंग बोर्ड के अफसरों ने मास्टर प्लान पर पलीता लगाने का काम किया। अब आम लोग भी विकास योजना 2031 पर पानी फेर रहें हैं।

महासमुंद विकास योजना का स्वरूप बिगाड़ने में राजस्व विभाग की भी भूमिका कम संदिग्ध नहीं है। मास्टर प्लान को देखे बगैर ही भूमि परिवर्तित कर दिया जा रहा है। कौन से क्षेत्र में क्या प्रस्तावित है इसे जानने की जहमत तक नहीं उठाते। इस लिए कॉमर्शियल क्षेत्र के भूमि को आवासीय में परिवर्तित कर दिया गया है। इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी भागवत प्रसाद जायसवाल से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

क्या कहता है अफसर….

नगर तथा ग्राम निवेश के प्रभारी सहायक संचालक एस. आर. अजगरा का कहना है कि, इसे मामले राजस्व विभाग की भी गलती दिखाई दे रही है। जब कॉमर्शियल भूमि है तो राजस्व विभाग द्वारा आवासीय परिवर्तित (डायवर्सन) कर दिया गया है। इसमें मकान बनाने वाले की कोई गलती नहीं है। इसके लिए जमीन बेचने वाला भी जिम्मेदार है। इस मामले में कलेक्टर से जो आदेश मिलेगा वैसे करेंगे।