व्हाट्सएप पर डीजीपी को आया मैसेज सर, थाना प्रभारी 1 साल से बहन के दहेज प्रताड़ना से मौत की शिकायत नहीं लिख रहे” DGP जांच करा तुरंत सस्पेंड करने का जारी किया आदेश

Chhattisgarh Crimes

रायपुर । डीजीपी डीएम अवस्थी ने “समाधान” का एक अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत व्हाट्सएप नंबर पर कोई भी किसी की भी शिकायत प्रमाण के साथ कर सकता है। डीजीपी डीएम अवस्थी की इस पहल के बाद पुलिस महकमे से जुडे लोगों के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला शुरू हो गया। इसी कड़ी में आज डीजीपी के पास व्हाट्सएप नंबर कोरबा के एक थाना प्रभारी की भी शिकायत मिली। शिकायत की गयी थी कि दहेज प्रताड़ना की शिकायत करने के 1 साल बाद भी मामले में FIR दर्ज नहीं की गयी।

शिकायत पर डीजीपी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए कोरबा के पसान थाना प्रभारी अभय सिंह को सस्पेंड करने का आदेश दिया। समाधान कार्यक्रम के तहत कोरबा जिले के पसान थाना अंतर्गत  इमरान खान ने समाधान कार्यक्रम के व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत की थी कि उसकी बहन की दहेज प्रताड़ना से मौत हुयी है, जिसकी शिकायत करने के एक साल बाद भी उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है।

डीजीपी ने शिकायतकर्ता से वीडियो कॉल कर पूरे मामले को सुना। मृतका के भाई ने बताया कि वह एक साल से भटक रहा है लेकिन उसकी मृत बहन को न्याय नहीं मिल रहा है। इसके बाद डीजीपी ने तत्काल कोरबा एएसपी को फोन कर मामले की जानकारी ली। एएसपी ने बताया कि टीआई अभय सिंह ने पूरे मामले में लापरवाही बरती है और मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को भी नहीं दी। इस पर अवस्थी ने पसान टीआई अभय सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबन के आदेश जारी कर दिये।

डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। कांकेर निवासी देवेश को एसपी  एम आर अहीरे ने कान की मशीन उपलब्ध करा दी  है। उल्लेखनीय है कि  देवेश ने समाधान कार्यक्रम में एक दिन पहले ही बताया था कि उन्हें कम सुनायी देता है। उन्हें कान की मशीन दिलवा दी जाये। डीजीपी अवस्थी ने कांकेर एसपी को निर्देश दिये थे कि देवेश को कान की मशीन उपलब्ध करा दी जाये।

दुर्ग निवासी प्रमोद वर्णवाल ने शिकायत भेजी कि उनकी दुकान में काम करने वाले पूर्व कर्मचारी उनको और परिवार को गंदे मैसेज भेजते हैं जिस पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। समाधान सेल से फोन जाने पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली गयी। गुढियारी निवासी नरेश देवांगन ने बताया कि कुछ लोगों ने उनका मोबाईल छीन लिया था। जिसकी शिकायत समाधान कार्यक्रम में की थी। उसके बाद गुढियारी थाना के स्टाफ के द्वारा उनका मोबाईल ढूंढकर उन्हें दे दिया गया है।