स्कूल में 125 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। पहले यहां चार शिक्षक थे। इनमें से दो शिक्षक व्यवस्था के तहत पढ़ा रहे थे। इन दोनों को उनके मूल स्कूल वापस भेज दिया गया है। अब स्कूल में केवल दो शिक्षक बचे हैं।
पालकों का कहना है कि दो शिक्षक इतने बच्चों की पढ़ाई का भार नहीं संभाल सकते। उनकी मांग है कि स्कूल में कम से कम 5 स्थायी शिक्षक नियुक्त किए जाएं। पालकों ने बताया कि इस स्कूल से अक्सर शिक्षकों को अन्य जगहों पर भेज दिया जाता है या पद खाली रह जाते हैं।
जब तक नियुक्ति नहीं, तब तक करेंगे विरोध
युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेजे जाने का विरोध पहले भी किया गया है। पालकों ने कई बार इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है। उनका कहना है कि जब तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
यह जिले का तीसरा मामला है जहां स्कूल सत्र शुरू होने के बाद पालकों ने तालाबंदी की है। कुछ स्कूलों में शिक्षकों को हटाने की मांग है तो कहीं नए शिक्षकों की नियुक्ति की मांग है।
शिक्षक उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन
नायाब तहसीलदार दुर्गेश सिंह कंवर ने बताया कि शाला प्रबंधन समिति ने नाराज होकर स्कूल में तालाबंदी किया था। पालकों को आश्वासन दिया गए हैं कि उच्च अधिकारियों जानकारी देकर जल्द से जल्द शिक्षक स्कूल में उपलब्ध कराया जाएगा।
पहले शिक्षक को हटाने के विरोध में किया था प्रदर्शन
बता दें कि नए शैक्षणिक सत्र के शुरुआत होते ही जिले के बोकराबेड़ा माध्यमिक स्कूल, हाईस्कूल लोहरसी और अब प्रायोगिक शाला अंग्रेजी माध्यम नगरी में शिक्षक को हटाने को लेकर भी तालाबंदी की गई थी।
वही ग्राम लोहरसी में गणित विषय में रिजल्ट निचला स्तर से आने से शिक्षक हटाने की मांग की गई थी। अब नगरी के ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षक कम होने से पालक शिक्षक की मांग कर रहे है।