गुजरात की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में खुलेगा एकता मॉल

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रायपुर। गुजरात की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में एकता मॉल खोलने की तैयारी है। मॉल में एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर देशभर के जिलों की अलग-अलग दुकानें खुलेंगी। इसे 250 करोड़ की लागत से 5 एकड़ में बनाया जाएगा। मॉल के खुलने से देशभर के हस्तशिल्प से जुड़ी सामग्री एक ही छत के नीचे आसानी से लोगों को मिल जाएगी।

इसमें प्रमुख रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्य के हस्तशिल्प से संबंधित सामग्री की बिक्री होगी। इससे हस्तशिल्प से संबंधित सामग्री के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। इसका जिम्मा रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) को बनाया है।

राजधानी में एकता मॉल के निर्माण से जुड़ी जानकारी के लिए गुजरात के कांवड़िया में बैठक आयोजित की गई। बैठक में रायपुर के आरडीए के अधिकारी शामिल हुए। इसके लिए आरडीए रायपुर और नवा रायपुर में जमीन तलाश कर रहा है।

जमीन मिलते ही आरडीए इसका निर्माण शुरू करेगा। आरडीए के अधिकारियों की मानंे तो जल्द ही इसका डीपीआर तैयार कर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके खुलने से लघु उद्यमियों को रोजगार मिलेगा।

एकता मॉल में एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर देशभर के 28 राज्यों की अलग-अलग 28 दुकानें बनाई जाएंगी। इसमें प्रत्येक राज्य के अंतर्गत आने वाले उनके जिले का सबसे बेहतर प्रोडेक्ट बेचा जाएगा। इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य है कि स्थानीय शिल्पों का संरक्षण और विकास करके पारंपरिक कला को बढ़ावा देना है।

इसके शुरू होने से स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि होगी। एक जिला एक उत्पाद योजना से स्थानीय कौशल भी विकसित होगा और साथ ही इन उत्पादों की बिक्री आउटलेट के माध्यम से पर्यटन के साथ जोड़कर की जाएगी, जिससे अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

आरडीए के सीईओ धर्मेश साहू ने एकता मॉल के लिए खादी ग्रामोद्योग विभाग से रायपुर और नवा रायपुर में जमीन मांगी है। खादी ग्रामोद्योग विभाग जहां भी जमीन उपलब्ध कराएगा, वही मॉल का निर्माण किया जाएगा। आरडीए इसे बनाने के लिए 2 साल का लक्ष्य रखा है। एकता मॉल का निर्माण पूरा होते ही विभाग इसे शासन को सौंप देगा। इसके बाद शासन दुकान अलॉट करने के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त करेगी।

गुजरात के कांवड़िया में बैठक

हाल ही में गुजरात के कांवड़िया में देशभर के नोडल एजेंसियों की बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में इसकी रुप रेखा तैयार की गई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ से आरडीए के अधिकारी भी शामिल हुए। इसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया कि एकता मॉल कैसे बनाया जाएगा, इसका मॉडल कैसे होगा, इसमें दुकानों की डिजाइन कैसी रहेगी। इसके साथ ही दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया क्या होगी।

ऐसे मिलेगा लघु उद्यमियों को संबल, छोटे व्यापरियों को भी लाभ

अधिकारी की मानें तो इस योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूह व लघु उद्यमी अपने उत्पादों को यहां आसानी से बेच सकेंगे। इसकी खास बात यह होगी कि यहां साल में दो-तीन बार मेलों का भी आयोजन किया जाएगा। जिससे दूसरे जिले के लघु उद्यमियों को भी फायदा मिल सकेगा।