- गृह निर्माण मंडल के कालोनी के आलिशान मकान आ सकते हैं अतिक्रमण की चपेट में…
- एक सप्ताह में कार्यवाही नहीं, तो शिकायतकर्ता लगाएंगे जनहित याचिका…
जयदेव सिंह/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
महासमुंद। कलेक्टर कालोनी मचेवा से परसकोल जाने वाली प्रस्तावित 18 मीटर चौडी सड़क से 6 मीटर चौडाई गायब हो गई है…! चौकिए मत ये हम नहीं सरकारी रिकॉर्ड कह रहा है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अटल बिहार कालोनी के बीच से होकर गुजर कर परसकोल की ओर जाने वाली सड़क में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। महासमुंद विकास योजना 2031 के मास्टर प्लान में जिस सड़क की चौडाई 18 मीटर प्रस्तावित है। वहीं सड़क गृह निर्माण मंडल के लेआउट में महज 12 मीटर की चौडाई दर्शाया गया है। यानी सड़क के दोनों ओर 10-10 फीट अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है। अगर जिला प्रशासन मास्टर प्लान के नियमानुसार कार्यवाही करते हैं तो सड़क के दोनों ओर नये-नये बनाए गए आलिशान मकानों का सामने का कुछ हिस्सा टूटना संभव है। या फिर मास्टर प्लान के नियमों को ही ताक पर रख दिया जाए…? गृह निर्माण मंडल और नगर तथा ग्राम निवेश की लापरवाही का खामियाजा अब सड़क के दोनों ओर निवासरत भवन स्वामियों को भुगतना पड़ सकता है।
जिले के विकास में कैसे पलीता लगाया जाता है ये सरकारी विभागों से सीखने की जरूरत है। ऐसा ही एक कार गुजारी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा किया गया है। ये और कहीं नहीं बल्कि कलेक्टर बंगले के कुछ दूर पहले मचेवा से परसकोल जाने वाले मुख्य मार्ग पर हो रहा है। दरअसल अटल बिहार कालोनी के बीच से गुजरने वाली सड़क नगर तथा ग्राम निवेश के विकास योजना 2031 के अनुसार सड़क 18 मीटर चौडाई प्रस्तावित है। लेकिन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अटल बिहार कालोनी के लेआउट में वहीं सड़क जो परसकोल की ओर जाती है महज 12 मीटर चौडाई दर्शाया गया है। यानी कि, सड़क की चौडाई से 6 मीटर दोनों ओर 10-10 फीट पर अतिक्रमण हो चुका है। जबकि इस सड़क के दोनों ओर आलिशान मकानें बन गई है, और कुछ निर्माणाधीन है। ऐसे में अब देखना होगा कि, नगर तथा ग्राम निवेश के नियमों का जिला प्रशासन पालन करते हैं, या नहीं। अगर कार्यवाही होती है, तो सड़क के दोनों ओर बने मकान के कुछ हिस्से टूट भी सकते हैं। या फिर इन मकानों को बचाने के लिए नियमों को शिथिल किया जाता है…? इस संबंध में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के कार्यपालन अभियंता अजय नायडू से संपर्क किया गया। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
दोनों विभागों से कहा हुई चुक…
नगर तथा ग्राम निवेश के क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा अटल बिहार कालोनी का लेआउट वर्ष 2008 में नगर तथा ग्राम निवेश के क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर द्वारा पास कर दिया गया था। उस वक्त नगर निवेश विभाग का दफ्तर महासमुंद नहीं था। गृह निर्माण मंडल ने पुनः संशोधित अभिन्यास लेआउट दिनांक 30 जनवरी 2014 को पास कराया। वर्ष 2014-14 में विकास योजना 2031 (मास्टर प्लान) का प्रकाशन किया गया, और अंतिम अनुमोदन 2016 में किया गया। किन्तु, गृह निर्माण मंडल इस बीच कुंभकर्ण की तरह सोते रहे। तो दूसरी ओर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने भी इसकी सुधी नहीं ली। जबकि गृह निर्माण मंडल को मास्टर प्लान प्रकाश के दौरान ही आपत्ति दर्ज किया जाना था, लेकिन नहीं किया। दोनों विभाग के अफसर यहीं मुगालता में रहे कि, सरकारी काम है इसमें कैसी अंडगा होगी। इस लिए इतने सालों तक बेपरवाह बने रहे।
शिकायत के बाद हुआ मामले का खुलासा…
अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के उच्च अधिकारियों से मचेवा से परसकोल जाने वाले मार्ग के दोनों ओर अतिक्रमण होने की जानकारी देते हुए अतिक्रमण हटाने की शिकायत की। इस संबंध में अधिवक्ता अनुराग शर्मा का कहना है अटल बिहार कालोनी जाने वाली मुख्य सड़क हाउसिंग बोर्ड के लेआउट में 12 मीटर है। जबकि मास्टर प्लान के अनुसार वो सड़क 18 मीटर की है। नियमानुसार जो भी सुधार करना है करें। आज कोई भी व्यक्ति जमीन की रजिस्ट्री करता है और भवन का निर्माण करता है तो क्या अतिक्रमण हटाने के दौरान सरकार फिर मुआवजा देगा। अभी जब जमीन सरकार के पजेशन में ही है। जो भी सुधार है कर ले। हम सब टैक्सपेयर्स हैं। एक सप्ताह में कार्यवही नहीं किया गया तो हाईकोर्ट में पीआईएल लगाया जाएगा।
क्या कहतें हैं सहायक संचालक…
नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक एस. आर. अजगरा का कहना है गलत तो है। गृह निर्माण मंडल को मास्टर प्लान प्रकाशन के दौरान आपत्ति दर्ज करना था। इतने सालों बाद विकास योजना 2031 (मास्टर प्लान) में कुछ भी बदलाव नहीं किया जा सकता। शिकायत मिली है। नियमानुसार प्रशासन से जो भी मार्गदर्शन मिलेगा कार्यवाही करेंगे। अतिक्रमण हटाने कहा जाएगा तो तोड़ने की कार्यवाही होगी। मामला अब हमारे बस के बाहर है। जो भी होगा राजधानी से संभव है।