112 करोड़ की फर्जी ITC का पर्दाफाश, 4 लोगों को 14 दिन की रिमांड

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। मेसर्स टोपेस्टो प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों को 112 करोड़ के फर्जी आईटीसी पारित करने के मामले में सेंट्रल जीएसटी ने पकड़ा है. संचालक तबरेज अमदानी समेत चार लोगों को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है.

गोपनीय सूचना के आधार पर केन्द्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, रायपुर के अधिकारियों ने मैसर्स टोपिस्टो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसर पर निवारक कार्रवाई की. यह पाया कि उक्त फर्म किसी भी प्रकार के माल या सेवाओं की आपूर्ति किए बिना बड़े पैमाने पर फर्जी बिल बनाने और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने में लिप्त हैं.

जांच में पता चला कि उक्त कंपनी के निदेशक मोहम्मद तबरेज अमदानी नसीम बानो अब्दुल रऊफ और उक्त कंपनी के सलाहकार / लेखाकार आशीष कुमार तिवारी मिलकर फर्जी फर्मों का समूह बनाने में शामिल हैं.

इन फर्जी फर्मों के समूह के माध्यम से तबरेज और तिवारी ने 114.70 करोड़ रुपये का नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाया और किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना 1.92 करोड़ रुपये का नकली क्रेडिट कई फर्मों को पारित किया.

अभियुक्त आगे 112.78 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी और पारित करने की योजना बना रहे थे, लेकिन सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय की त्वरित और समय पर की गई कार्रवाई के कारण वे ऐसा करने में विफल रहे.

दोनों व्यक्तियों को 29.11.2022 को केंद्रीय जीएसटी टीम द्वारा सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69(1) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया. अदालत के समक्ष पेश किया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 14 दिनों की रिमांड मंजूर किया है.

पूर्व में भी सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई की है. इन गिरफ्तारियों के साथ जीएसटी लागू होने के बाद से सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है.