कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव को याद कर भावुक हुए फैन्स, कहा- ‘गजोधर भैया आप बहुत याद आओगे’

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मुंबई। कॉमेडियन व अभिनेता राजू श्रीवास्तव (raju shrivastav) दिल का दौरा पड़ने के बाद से ही अस्पताल में भर्ती थे। राजू के लिए देश दुनिया से उनके फैन्स प्रार्थना कर रहे थे लेकिन राजू ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। 58 की उम्र में राजू श्रीवास्तव ने अपनी आखिरी सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 10.20 मिनट पर राजू श्रीवास्तव ने अपनी आखिरी सांस ली थी। बता दें कि 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स दिल्ली में भर्ती करवाया गया था।

फैन्स दे रहे श्रद्धांजलि
ट्विटर पर ‘#rajusrivastava’, ‘AIIMS’ और ‘राजू श्रीवास्तव’ जैसे कीवर्ड ट्रेंड कर रहे हैं और सोशल मीडिया यूजर्स दिवंगत कॉमेडियन को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स ऐसे देखने को मिल रहे हैं, जहां फैन्स राजू को याद कर रहे हैं और उन्हें आखिरी अलविदा कह रहे हैं।

राजू श्रीवास्तव का करियर
गौरतलब है कि राजू श्रीवास्तव मनोरंजन उद्योग में 1980 के दशक के अंत से एक्टिव थे, लेकिन वह ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ के पहले सीजन में भाग लेने के बाद लोकप्रिय हुए। उन्होंने ‘मैंने प्यार किया’, ‘बाजीगर’, ‘बॉबे टू गोवा’ और ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’ में एक्टिंग की। राजू श्रीवास्तव ने ‘बिग बॉस’ सीजन तीन में भी भाग लिया था।राजू ने कॉमेडी की दुनिया में अपना एक अलग ही नाम कमाया था और घर घर से प्यार जीता था।

बचपन से ही कॉमेडी में माहिर थे मिडिल क्लास राजू

राजू श्रीवास्तव का जन्म कानपुर की एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। बचपन में इन्हें सत्य प्रकाश नाम मिला था, जो आगे जाकर राजू श्रीवास्तव बन गए। इनके पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव एक सरकारी कर्मचारी थे और शौकिया तौर पर कविताएं लिखा करते थे। छुट्टियों में पिता कवि सम्मेलन का हिस्सा बना करते थे, जिन्हें बलाई काका नाम से पहचाना जाता था।

पिता से राजू को भी लोगों का मनोरंजन करने का गुर विरासत में मिला। बचपन से ही राजू घर आए मेहमानों के सामने मिमिक्री करते और स्कूल में टीचर की भी नकल उतारकर लोगों को खूब हंसाते। कई टीचर उन्हें बद्तमीज कहते हुए सजा देते थे, लेकिन एक टीचर ऐसे भी थे जो इन्हें बढ़ावा दिया और कॉमेडी में करियर बनाने की सलाह दी।

लोगों ने राजू को लोकल क्रिकेट मैच में कमेंट्री करने की सलाह दी। इससे ये अपने हुनर को कॉन्फिडेंट के साथ लोगों के सामने पेश करने लगे। ये बचपन से ही कॉमेडियन बनना चाहते थे, लेकिन असल में इनकी प्रेरणा अमिताभ बच्चन थे। बिग बी की फिल्म दीवार देखने के बाद राजू ने एक्टर बनने का फैसला किया।

कॉमेडियन बनने का सपना लेकर पहुंचे थे मुंबई

राजू बचपन से ही एक्टिंग और कॉमेडी में हाथ आजमाना चाहते थे, जिसके लिए वो 1982 में लखनऊ छोड़कर सपनों के शहर मुंबई चले आए। यहां ना रहने को घर था ना खाने के पैसे। घर से भेजे गए पैसे जब कम पड़ने लगे तो राजू ऑटो ड्राइवर बन गए। राजू अपनी सवारी को भी हंसाते थे। मुंबई में राजू को करीब 4-5 सालों तक संघर्ष करना पड़ा था।

सवारी ने दिलाया था कॉमेडी में पहला ब्रेक

एक दिन एक सवारी ने राजू के स्टाइल से इंप्रेस होकर उन्हें स्टेज परफॉर्मेंस देने को कहा। राजू मान गए और परफॉर्मेंस दी, जिसके लिए सिर्फ 50 रुपए मिले थे। इसके बाद राजू लगातार स्टेज शो करने लगे।

अमिताभ बच्चन की तरह दिखने पर मिली पहचान

स्टेज शो करते हुए राजू श्रीवास्तव अमिताभ बच्चन की भी नकल उतारा करते थे। यहीं से लोगों ने उनके लुक की तुलना अमिताभ बच्चन से करना शुरू कर दी। स्टेज शो करते हुए इंडस्ट्री के लोगों से जान-पहचान बढ़ी तो इन्हें फिल्मों में छोटे-मोटे रोल भी मिलने लगे। राजू पहली बार 1988 की फिल्म तेजाब में नजर आए। आगे उन्होंने करीब 19 फिल्मों में काम किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त किया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उनके निधन में शोक व्यक्त किया है, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पोस्ट लिखते हुए कहा कि- कॉमेडी प्रेमियों के ‘गजोधर’ श्री राजू श्रीवास्तव जी के निधन का समाचार दुखद है। उन्होंने हास्य विधा का एक नया स्वरूप देश के सामने प्रस्तुत किया। उनका जाना कला की एक बड़ी क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं उनके परिवार तथा चाहने वालों को हिम्मत दे।

 

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