रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के रायपुर समेत 5 रेंज में साइबर थाने शुरू किए हैं। थानों की बिल्डिंग का उद्घाटन हो गया है। साथ ही रायपुर में पहला केस भी पहुंचा है। साइबर अपराधों को ध्यान में रखकर इन थानों के कॉन्सेप्ट पर छत्तीसगढ़ पुलिस काम कर रही है। ऑनलाइन ठगी, सोशल मीडिया पर होने वाले फ्रॉड जैसे केसेस इन थानों में मौजूद साइबर एक्सपर्ट संभालेंगे।
गंभीर अपराध और दूसरे केस में टेक्निकल सहायता के लिए खास तौर पर साइबर थाने काम करेंगे। बड़े मामले यहां भेजे जाएंगे। यह साइबर थाने रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा रेंज में शुरू किए गए हैं। एक रेंज में आने वाले सभी जिलों के गंभीर साइबर अपराध की जांच साइबर थाने ही करेंगे।
रायपुर में पहला केस भी पहुंचा, एक्शन भी हुआ
रायपुर के गंज थाना परिसर में शुरू किए गए साइबर थाने में पहला केस भी पहुंचा है। पीड़ित रोहित कुमार साहू ने बताया कि इनके मोबाइल फोन पर एक्सिस बैंक के टोल फ्री नंबर से किसी अनजान कॉलर ने कॉल किया और क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी देने लगा । इसके बाद रोहित साहू के खाते में अलग-अलग किस्तों में 5 लाख रुपए लोन के आए, रोहित कुछ समझ पाते इससे पहले ही भेजे गए 5 लाख तो पार हुए ही साथ में खाते में मौजूद 4 लाख भी ठगों ने निकाल लिए। इस केस में फौरन पुलिस की टीम ने 6.5 लाख रुपए होल्ड करा दिए हैं और अब आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।
रायपुर रेंज में इन जिलों के लोग कर सकेंगे शिकायत
एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि साइबर थानों को रेंज स्तर पर काम करने के लिए तैयार किया गया है। रायपुर रेंज के तहत आने वाले 5 जिले के लोग इस साइबर थाने जिनमें रायपुर, बलौदाबाजार भाटापारा, गरियाबंद महासमुंद, धमतरी शामिल है।
साइबर थाने में कैसे दर्ज होगी FIR
साइबर थाने में बाकी अपराध जैसे हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट, डकैती के केस दर्ज नहीं किए जाएंगे। यहां सिर्फ डिजिटल या ऑनलाइन होने वाले क्राइम, ठगी, सोशल मीडिया से किए जाने वाले अपराधों पर छानबीन की जाएगी। रायपुर के एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि 5 लाख से अधिक की ठगी के मामले या गंभीर मामले जिनमें हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों के साथ वारदात की गई हो।
बढ़ते साइबर क्राइम के कारण अलग थाने जरूरी
हाल ही में साइबर क्राइम जैसे ऑनलाइन ठगी, झांसा देकर OTP लेना जैसे केस बढ़े हैं। लोगों के खातों से रकम पर कर दी जाती है या उनके पर्सनल डाटा को लीक किया जाता है। ऐसे मामले में साइबर थाने की टीम काम करेगी। साइबर थानों में पहले से ही डिजिटल अपराधों पर कम कर रहे अनुभवी इंस्पेक्टर्स और जवानों की तैनाती की गई है जो हर तरह के साइबर क्राइम केस को हैंडल करने का अनुभव रखते हैं।
पिछले साल 4 हजार लोगों से ठगी, तादाद बढ़ रही
केवल राजधानी में पिछले 12 माह के भीतर 4100 लोगों से ज्यादा लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए हैं। इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। लोगों के खातों से ठगों ने रुपए उड़ा दिए सबसे ज्यादा इसी तरह की शिकायतें हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक प्रदेश के लोगों के 5 करोड़ से अधिक की रकम होल्ड कराई गई। ये वो आंकड़ा है जिस पर पुलिस वक्त रहते एक्शन ले पाई। करोड़ों रुपए इसी तरह लोगों के ठगे जा चुके हैं।
खास सॉफ्टवेयर की ली जाएगी मदद
साइबर थानों में भारत और विदेशों में तैयार कई ऐसे सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल होगा। जिसके जरिए ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले या इंटरनेट के जरिए अपराध को अंजाम देने वालों तक पहुंचा जा सके। जल्द ही पुलिस हेड क्वार्टर की ओर से एक ऐसा सॉफ्टवेयर भी साइबर थानों में उपलब्ध कराया जाएगा जिससे लैपटॉप मोबाइल में डिलीट किया सारा का सारा डाटा रिकवर किया जा सकेगा। ताकि किसी गुनाह को छुपाने की कोशिश करने वालों को पकड़ा जा सके। इसके अलावा खास तकनीक से पुलिस ऑनलाइन ठगी के मामले में ठगों के बैंक अकाउंट से पैसे होल्ड कराने पर भी विशेष काम करेगी।
रायपुर रेंज के अलावा दुर्ग रेंज के साइबर थाने में राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा, बालोद जिले के लोग शिकायत कर सकेंगे। बिलासपुर रेंज का साइबर थाना बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, रायगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के लिए होगा। अंबिकापुर रेंज का साइबर थाना अंबिकापुर, सरगुजा कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर के लिए। बस्तर रेंज का साइबर थाना जगदलपुर, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, कांकेर सुकमा जिलों की शिकायतों पर काम करेगा।
ऐसे बचें डिजिटल फ्रॉड से
- अनजान व्यक्ति आपको कॉल मैसेज कर लुभावना ऑफर देता है, किसी सर्विस के ब्लॉक होने का भय दिखाता है, ऑनलाइन खरीदारी या व्यक्तिगत जानकारी देकर आप को विश्वास में लेता है और इस तरीके से लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
- किसी भी सूरत में अनजान कॉलर से अपने फोन पर बैंक से जुड़ी निजी जानकारी आधार का नंबर या पैन कार्ड की जानकारी, एटीएम का ओटीपी कतई साझा ना करें।
- बीमा, फाइनेंस, किश्त, लोन, केवाईसी अपडेट, सिम ब्लॉक होना, लॉटरी लगी है, कौन बनेगा करोड़पति, लकी ड्रॉ जैसे फोन कॉल या मैसेज के झांसे में बिल्कुल ना आए।
- लोन ऐप के झांसे में भी ना आए क्योंकि ऐसे में जानकारी हासिल हो जाने के बाद ऐप के संचालक लोगों को ब्लैकमेल करते पाए गए हैं।
- अनजान व्यक्ति के कहने पर किसी भी एप्लिकेशन जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क टीम व्यूवर को इन्स्टॉल ना करें। इससे फोन या कंप्यूटर हैक हो सकता है।
- अनजान नंबर से आए लिंक को कभी क्लिक ना करें, रजिस्ट्रेशन अथवा अकाउंट टेस्ट करने के नाम से 10 रुपए की राशि ट्रांसफर कर दीजिए इस तरह की बातें ठग करते हैं।
- अनजान नंबर की वीडियो कॉल ना उठाएं, फोन उठाते ही आप ब्लैकमेलिंग के शिकार हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें।
- OLX जैसी वेबसाइट पर आर्मी मैन, सीआरपीएफ, बीएसएफ फोर्स से जुड़ा हुआ व्यक्ति बताकर लोग सामान बेचने की बात कहकर ठगी करते हैं।
- QR कोड स्कैन भेजकर रुपए देने की बात कही जाती है, जबकि इससे पेमेंट आपके खाते से कटकर कोड वाले खाते में चली जाएगी।
- गूगल पर कस्टमर केयर पर नंबर सर्च करते वक्त सावधानी बरतें, कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर ही जाएं। +92, 440-846922-920 या 940 जैसे नंबर से कॉल आने पर रिसीव न करें ये ठग गैंग के नंबर्स हैं।
ठगी का शिकार होने पर क्या करें
अगर आपको लगे कि आपके साथ कोई डिजिटल फ्रॉड हुआ है तो इसकी फौरन शिकायत करें। साइबर अपराध या ठगी के शिकार होने की स्थिति में टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें cybercrime.gov.in पर शिकायत करें या रायपुर पुलिस की साइबर सेल को 0771 4247109 जानकारी दी जा सकती है।