आदिवासी युवक की मौत को लेकर दूसरे दिन भी आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय में नेशनल हाईवे 130 में किया चक्काजाम

एक करोड़ मुआवजा सहित डीएफओ और वनकर्मी को सस्पेंड करने की कर रहे मांग

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/ गरियाबंद। गरियाबंद जिले में वन अतिक्रमण मामले में गिरफ्तार आदिवासी युवक की मौत को लेकर लगातार दूसरे दिन आदिवासी समाज में आक्रोश देखने को मिल रहा है। दूसरे दिन मंगलवार को भी आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय गरियाबंद के तिंरगा चौक में नेशनल हाईवे 130 सी में चक्काजाम कर दिया है।

सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग अपनी मांग को लेकर सड़क में बैठ गए है और प्रदर्शन करे रहे है। घटना के बाद आदिवासी समाज पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और डीएफओ और वनकर्मी को सस्पेंड करने की मांग कर रहे है। दूसरी ओर चक्काजाम के चलते रायपुर देवभोग मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है। छोटे वाहनों को डायवर्ट किया जा रहा है। वही बड़े वाहनों को शहर के बाहर रोका जा रहा है। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।

उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण के मामले में गिरफ्तार ग्राम झितरीडूमर के आदिवासी युवक भोजराम ध्रुव पिता चमरू ध्रुव की कल रायपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक को 28 अगस्त के वन विभाग ने पकड़कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। जेल में निरुद्ध करने के बाद उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल भर्ती किया गया, जहां से उसे रायपुर रिफर कर दिया गया। रायपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सूत्रो के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद युवक सदमे में था, ब्रेन हेमरेज होने से उसकी मौत होने के खबर है।

इसके पहले युवक की मौत के बाद से ही आदिवासी समाज आक्रोश में आ गया। सोमवार शाम ही आदिवासी समाज ने वन अमले और जेल प्रशासन को युवक की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए नेशनल हाइवे 130 चक्काजाम कर दिया। इस दौरान आदिवासी समाज और मृतक के परिजनों ने वन अमले और उपजेल प्रशासन के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए। कहा कि युवक पहले से बीमार था, इसके बाद भी उसे गिरफ्तार किया गया, तबीयत खराब होने के बाद भी जेल में समुचित ध्यान नहीं दिया गया। इसके साथ ही ग्रामीणों ने वन अमले पर जबरन प्रकरण दर्ज कर परेशान करने और मृतक के साथ मारपीट के आरोप भी लगाए है। आदिवासी समाज ने बीते कल करीब पांच घंटे चक्काजाम रखा। देर रात तक प्रशासनिक महकमा आदिवासी समाज को समझाने की कोशिश करता रहा। लेकिन नाकाम रहा। देर रात समाज अगले दिन मंगलवार को बड़ा आंदोलन की चेतावनी दी थी। आज सुबह से इसकी हलचल देखने को मिल रही थी। अंतः समाज ने चक्काजाम कर दिया। आदिवासी समाज को न्याय पालिका पर पूर्ण विश्वास है। न्यायिक प्रक्रिया सैद्धांतिक पक्ष मे होगी।

वन हमले से मिली सूचना के मुताबिक घटना के बाद वन विभाग ने संबंधित वन कर्मी को हटा दिया है। मुआवजा को लेकर भी तैयारी चल रही है।

इधर, वन विभाग के सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक युवक सहित चार ग्रामीण वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर कब्जा कर रहे थे। वनकर्मी की समझाईश के बाद दो ग्रामीणों ने कब्जा हटा दिया था। जबकि मृतक एवं एक अन्य ग्रामीण ने कब्जा हटाने से इनकार कर दिया और कार्रवाई करने की चेतावनी दी। जिस पर वन कर्मी ने पीओआर काट दिया। दोनो को न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिला हुआ।
जिसके बाद ये घटना की जानकारी मिली।