वन्यप्राणियों के पंजा, नाखून, सिंग के साथ वन विभाग ने शिकारी को दबोचा

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र इंदागांव का मामला

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया वन परिक्षेत्र इंदागांव में एक शिकारी से वन्यप्राणी का पंजा, नाखून, सिंग, तीर धनुष हथियार एवं फंदा 07 जून 2022 को बरामद किया गया था इसके बाद से आरोपी फरार चल रहा था। मुखबिर की सूचना पर पांच महिने बाद आज 01 नवम्बर को आरोपी को घेराबंदी कर वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया और वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अनेक धाराओं के तहत कार्यवाही करते हुए जेल भेजा गया है।

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उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कार्यालय इंदागांव द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि दिनांक 07.06.2022 को इंदागांव में डाग स्क्वाड के द्वारा सुकलाल व. गिरतल यादव जाति-रावत, उम्र-32 ग्राम व पोस्ट-इंदागांव, तह.-मैनपुर जिला-गरियाबंद(छ.ग.) के घर में छापा मारकर वन्यप्राणियों के पंजा, नाखून, सिंग, वन्यप्राणियों के अवशेष व फंदे को जप्त किया गया था उक्त समस्त सामग्रीयों को जप्त कर अपराधी सुकलाल पिता गिरतल के विरुद्ध पी.ओ.आर.प्रकरण 177/12 दिनांक 07.06.2022 दर्जकर जांच कार्यवाही की जा रही थी परन्तु अपराधी सुकलाल दिनांक 07.06.2022 से फरार होने के कारण कार्यवाही पूर्ण नही किया जा सका आज 01 नवम्बर दिन मंगलवार को सूत्रों से ज्ञात हुआ कि अपराधी अपने घर पंहुचकर छुपा हुआ है,जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई उप निदेशक उदंती-सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद वरुण जैन एवं बी.के.लकड़ा सहायक संचालक उदंती(मैनपुर) के सफल मार्गदर्शन में परिक्षेत्रा इंदागांव(धुरवागुड़ी)बफर के अधिकारी/कर्मचारियों की टीम गठित कर अपराधी के घर में दबिश दी गई मौके से अपराधी सुकलाल को गिरफ्तार कर वन परिसर धुरवागुड़ी लाया गया एवं अन्य कार्यवाही पूूर्ण करने के उपरांत वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9 सहपठित धारा 2(16), 39(क), 50, 51 एवं 52 के तहत माननीय न्यायालय प्रथम श्रेणी देवभोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया एवं न्यायालय में स्वीकृति मिलने के उपरांत उप जेल गरियाबंद में जेल दाखिला किया गया।

इस कार्यवाही में वन परिक्षेत्रा अधिकारी इंदागांव चन्द्रबली ध्रुव,उप वनक्षेत्रापाल, हेमसिंग ठाकुर, वनपाल सहायक परिक्षेत्रा अधिकारी इंदागांव, रिषी कुमार धु्रव,वनरक्षक, फलेश्वर कुमार दिवान, वनरक्षक, विरेन्द्र कुमार ध्रुव,वनरक्षक, भुपेन्द्र कुमार भेड़िया,वनरक्षक, कविन्द्र कुमार मिश्रा वनरक्षक, नीलकंठ ध्रुव, वनरक्षक, रिजर गोंड़,वनचैकीदार, हेमन्त कुमार ठाकुर कार्यालयीन कुशल श्रमिक, हीरालाल भूआर्य, मंगलराम वड्डे, गिरीराज राजपूत एवं सुरक्षा श्रमिकों का योगदान सराहनीय रहा।