स्तब्ध कर देने वाली इस घटना को प्रकाशित करने में भास्कर ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को ऊपर रखा है। इस खबर के जरिए हम इस डिजिटल दौर में इंटरनेट के जरिए अश्लील कंटेंट से बच्चों की बदलती मानसिकता को भी सामने रखना चाहते हैं, क्योंकि जो बच्ची मारी गई, वह तो अबोध थी ही और जिसने ये कृत्य किया उसमें मानसिक विकार नजर आ रहा है।
बताया गया है कि निर्माणाधीन कॉलोनी में बन रहे एक मकान की छत पर मंगलवार की सुबह एक मजदूर को बच्ची की लाश नजर आई। चारों तरफ खून था। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। एसपी रजनेश सिंह भी पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। फोरेंसिक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया।
टीम ने मौके से सबूत जुटाए। एसीसीयू, फोरेंसिक व स्निफर डॉग की टीम भी वहां आई। पुलिस की एक टीम सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुट गई। प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस को कॉलोनी में काम करने वाले 9 मजदूरों व उनके रिश्तेदारों पर शक हुआ। सभी से पूछताछ की गई। इस दौरान स्निफर डॉग घटना स्थल से जवान को सीधे बच्ची के पड़ोसी के घर ले गया।
सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटी टीम को उसी साइट पर मजदूर का 14 साल का बेटा नजर आया, जो शाम को मासूम को घटना स्थल की तरफ ले जाते दिखा। पुलिस ने जब उसे पकड़ा, तब उसके पैर पर खून के निशान थे। पुलिस को बच्ची के पिता ने बताया कि सोमवार की शाम 6 बजे वह चॉकलेट लेने गई थी। उसके नहीं लौटने पर उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली।