रायपुर। प्रदेश भर के सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के इलाज के लिए कुछ अस्पतालों को मान्यता दी है. राज्य और राज्य के बाहर इन अस्पतालों में ये लोग अपना इलाज करा सकते हैं. सरकार ने 31 मार्च 2022 तक के लिए मान्यता दी है. छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव लीना कमलेश मंडावी ने आदेश जारी किया है.
जारी आदेश में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त अस्पतालों में शासकीय सेवकों और उनके परिवार के आश्रित सदस्यों का इलाज कराए जाने के लिए संबंधित जिले के सिविल सर्जन की अनुशंसा अनिवार्य होगी. आकस्मिक परिस्थिति में इलाज प्रारम्भ करने से 48 घंटे की समय सीमा के अंदर संचालक, चिकित्सा शिक्षा, छत्तीसगढ़, रायपुर और संबंधित विभागाध्यक्ष को सूचित किया जाना अनिवार्य होगा. आकस्मिक परिस्थिति में उपचार कराए जाने संबंधी प्रकरणों में नियमानुसार कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी.
राज्य के बाहर स्थित मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में उपचार कराने के लिए मरीजों को प्रथमतः चिकित्सा महाविद्यालय के रेफरल कमेटी का रेफरल प्रमाण पत्र होना चाहिए. चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय में संबंधित रोगों की जांच, उपचार, विषय विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध न होने पर यथास्थिति, संयुक्त-संचालक-सह-अधीक्षक, उप संचालक, शासकीय, मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सा संस्थाओं में रिफर कर सकेंगे. आकस्मिक परिस्थिति में इलाज प्रारम्भ करने से 48 घंट की समय-सीमा के अंदर संचालक, चिकित्सा शिक्षा एवं संबंधित विभागाध्यक्ष को सूचित किया जाना अनिवार्य होगा. आकस्मिक परिस्थिति में उपचार कराये जाने संबंधी प्रकरणों में नियमानुसार कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी.
इस मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में प्रदेश के शासकीय सेवकों और उनके परिवार के सदस्यों की उपचार की दर सी.जी.एच.एस. योजना के अंतर्गत केन्द्र शासन के कर्मचारियों के लिए लागू उपचार की दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इन मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में शासकीय सेवकों और उनके परिवार के सदस्यों का उपचार कराए जाने पर इलाज तत्काल शुरू किया जाएगा. उनसे अग्रिम धन राशि के अभाव में इलाज में लापरवाही नहीं की जाएगी. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए.