ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा : सर्वे के आदेश पर रोक लगाने की मांग, कोर्ट ने कहा- पहले फाइलें देखेंगे, फिर फैसला लेंगे

Chhattisgarh Crimes

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वे पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रमना ने कहा है कि वे मामले को देखेंगे। अंजुमन ए इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति ने वाराणसी कोर्ट की ओर से आदेशित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा कि इस पर तत्काल सुनवाई की जाए। क्योंकि ज्ञानवापी के सर्वे-वीडियोग्राफी का आदेश दिया गया है। उधर, CJI ने याचिका के दस्तावेज मांगे हैं और कहा है कि हम कागजात देखने के बाद मामले को देखेंगे।

8 से 11 बजे तक होगी वीडियोग्राफी

शनिवार को सुबह 8 से 12 बजे तक सर्वे और वीडियोग्राफी चलेगी। एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट के आदेशानुसार कमीशन की कार्रवाई को 17 मई से पहले पूरा करने की बात कही है। क्योंकि, कोर्ट ने अपने आदेश में यह बात लिखी है कि ज्ञानवापी के चप्पे-चप्पे का सर्वे करें। रिपोर्ट 17 मई तक सौंप दें। मामले में अगली कार्रवाई 17 मई को होगी।

हाईकोर्ट जा सकता है मुस्लिम पक्ष

उधर, ज्ञानवापी में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील अभय नाथ यादव ने कहा है कि डिसीजन को पूरी तरह से पढ़ लिया गया है। सारे तकनीकी प्वाइंट्स क्लीयर हैं। हाईकोर्ट आज के बाद दो दिन यानी शनिवार-रविवार को बंद रहेगा। ऐसे में शुक्रवार को या फिर दो दिन बाद सोमवार को ही याचिका दायर की जा सकती है। हम कभी भी हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। मगर, अभी समय तय नहीं है।​ ऐसे में अगर मुस्लिम पक्ष शुक्रवार को हाईकोर्ट नहीं गया तो फिर शनिवार और रविवार को सर्वे के काम में कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी।​​​​​

तहखाने समेत पूरे परिवार की वीडियोग्राफी

ज्ञानवापी में तहखाना और शृंगार गौरी मंदिर समेत पूरे परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे किया जाना है। इसको लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई थी। 6 और 7 मई को हुए सर्वे के बाद कमेटी ने अदालत से कहा था कि एडवोकेट कमिश्नर निष्पक्ष नहीं हैं, इसलिए उन्हें हटाया जाए। दूसरी डिमांड थी कि ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग के भीतर तहखाने की वीडियोग्राफी और सर्वे न हो। सर्वे में मस्जिद के अंदर नहीं बल्कि शृंगार गौरी के पास वीडियोग्राफी करने का आदेश है। सर्वे रुक गया और मामला फिर से कोर्ट में पहुंचा।

3 दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिया फैसला

इस मांग पर वाराणसी में तीन दिन तक कोर्ट में सुनवाई चली, जिस पर चौथे दिन यानी गुरुवार को फैसला आया कि सर्वे का काम प्रशासन पूरा कराए। चाहे ताला खोलकर करें या तोड़कर। हर हाल में सर्वे का काम पूरा कराएं। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा नहीं हटेंगे। एडवोकेट कमिश्नर के साथ कोर्ट ने दो स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर और असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर भी नियुक्त कर दिए।

DGP यूपी और चीफ सेक्रेटरी की जिम्मेदारी होगी कि वे कमीशन की कार्यवाही की निगरानी करें, जिससे उसे टाला न जा सके। जज ने फैसला सुनाया कि कमिश्नर कहीं भी विजुअल्स लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। सर्वे के काम में रूकावट डालने वालों के खिलाफ FIR होगी।