रायपुर। बीती रात और शनिवार को हुई बारिश ने शहर के कई इलाकों को डूबा दिया। जल भराव रोकने के नगर निगम के दावों की पोल खुली। इस बीच नगर निगम के दो अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई। ड्यूटी पर जाने की बजाए ये दोनों छुट्टी मना रहे थे। इनका जिम्मा जल भराव वाली जगहों पर व्यवस्था सम्भालना ही था। अब इन अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है।
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई वो दोनों सब इंजीनियर के पद पदस्थ हैं। इनके नाम अक्षय भारद्वाज और फारुखी हैं। नगर निगम के आयुक्त मयंक चर्तुवेदी ने इन्हें निलंबित करने का आदेश दिया। नगर निगम के पास लगभग 20 इलाकों से जल भराव की शिकायतें मिल रही थीं।
इन अफसरों को बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ की ड्यूटी से हटाकर निगम मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। खबर है कि इन अफसरों की रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ड्यूटी थी। दोनों बिना किसी से कुछ कहे छुट्टी मना रहे थे। ऐसे में भारी बारिश के कारण जल भराव से सम्बंधित किसी भी शिकायत पर निगम जोन की टीम से कोई कोऑर्डिनेशन नहीं हो सका।
इनकी वजह से निगम की छवि धूमिल
निगम आयुक्त मयंत चर्तुवेदी ने आदेश में लिखा- इन अधिकारियों की लापरवाही से जलभराव की स्थिति निर्मित हुई एवं समय पर निराकरण नहीं होने से जनआक्रोश का सामना करना पड़ा, जिससे निगम की छवि धूमिल हुई। दोनों उप अभियंताओं का यह कृत्य निगम हित एवं जनहित में न होकर एक गंभीर दुराचरण की श्रेणी में आता है। आयुक्त ने लापरवाही एवं समय पर दिये गये उत्तरदायित्व का समय पर निर्वहन नहीं करने की वजह से एक्शन लिया।
लगातार शिकायतों के चलते मौके पर पहुंचे अधिकारी
शनिवार को लगातार मिल रही शिकायतों की वजह से जोन कमिश्नरों को मौके पर भेजा गया। देवपुरी कृष्णापुरी में अधिक समस्या थी। यहां पम्प और जेसीबी टीम भेजकर विशेष सफाई अभियान चलाया गया। निगम के कमिश्नर खुद जल भराव की शिकायत वाली जगहों की जनकारी लेते रहे। इसी प्रकार एमएमआई, नारायणा हॉस्पिटल, सेंट जोसेफ कॉलोनी, अमलीडीह, बीएसयूपी कॉलोनी, वालफोर्ट सिटी जोन 5 बीएसयूपी कॉलोनी, टैगोर नगर, नवकार हॉस्पिटल, विधायक विश्रामगृह में जल के भराव की शिकायत आई।