रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के कई जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जबकि उत्तर छत्तीसगढ़ यानी सरगुजा संभाग के लिए हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर जिले के अधिकांश जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कई जगहों पर गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। सोमवार को भी रायपुर समेत कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश होती रही है।
प्रदेश में हुई बारिश के आंकड़े (सेंटीमीटर में)
लोहंडीगुड़ा-7 सेमी,भोपालपट्टनम-6 सेमी, आरंग, बस्तर, नगरी-4,बिल्हा, कोटा, भैरमगढ़, गंडई, जांजगीर, पथरिया, कसडोल, कटघोरा-3 सेमी, बकावंड, मालखरौदा, कोंडागांव, पलारी, पौडी उपरोरा, बसना, लाभाडीह, तखतपुर – 2 सेमी, बलौदा, पेंड्रा रोड, चांपा, बडेराजपुर, बारमकेला, पामगढ़, सहसपुरलोहारा, मैनपुर, माकड़ी, सरायपाली, छुईखदान खरसिया, गरियाबंद, शिवरीनारायण, उभरा, जैजैपुर, बीजापुर, बलौदाबाजार, थानखमरिया, कटेकल्याण, दरभा सुकमा, अकलतरा – 1 सेमी तथा कुछ और स्थानों पर इससे कम वर्षा दर्ज की गई।
अगले 24 घंटे कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश-दक्षिण तटीय उड़ीसा के ऊपर एक ऊपरी हवा में बने चक्रवात के असर से एक निम्न दाब का क्षेत्र बन गया है। उन्होंने बताया कि इसके और अधिक प्रबल होकर अवदाब के रूप में इसी क्षेत्र में 26 जुलाई को परिवर्तित होने की संभावना है। इसके पश्चिमोत्तर-पश्चिम दिशा में धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश-दक्षिण तटीय ओडिशा की ओर पहुंचने की संभावना है।
इधर मानसूनी द्रोणिका की दिशा, इंदौर, दमोह, पेंड्रा रोड, जगदलपुर, निम्न दाब के केंद्र तक, 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है और एक विंड शियर जोन 20 डिग्री उत्तर में 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक फैली हुई है। इसके प्रभाव से प्रदेश में आज अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने या फिर गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश भी होने की संभावना है और भारी वर्षा दक्षिण छत्तीसगढ़ में हो सकती है।
4 माह का मानसून एक माह में ही 38 प्रतिशत बरस गया
छत्तीसगढ़ में मानसून आने के महीनेभर में 432 मिमी बारिश हो चुकी है। यह कोटे यानी जून से सितंबर तक मानसून सीजन के दौरान होने वाली बारिश की 38 फीसदी है। मौसम विभाग के ये आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश में इस साल अब तक मानसून काफी अच्छा रहा है। प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में समान रूप से बारिश हो रही है। जुलाई में अभी सात दिन शेष हैं और इसके बाद अगस्त और सितंबर के दो महीने में अच्छी बारिश हुई तो कोटा पूरा हो जाएगा। प्रदेश में मानसून सीजन में 1142.7 मिमी बारिश होती है।
23 जुलाई को मानसून प्रदेश में दाखिल हुआ। इसके बाद से लगातार बारिश हो रही है। बीच-बीच में कुछ अंतराल भी हुए हैं। यह इतना भी लंबा नहीं रहा है कि बारिश की कमी हो जाए। 24 जुलाई तक की स्थिति में प्रदेश में हुई बारिश औसत से 11 फीसदी कम है। 19 फीसदी तक स्थिति सामान्य ही मानी जाती है। अच्छी बारिश का नतीजा है कि मानसून आने के बाद से वर्षा की कमी में लगातार कमी आ रही है।