लाहौर से गिरफ्तार हुए इमरान खान : तोशाखाना केस में 3 साल की जेल, पूर्व पाकिस्तानी PM 5 साल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे

Chhattisgarh Crimes

लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना केस में 3 साल की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ वो अगले 5 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने खान को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। साथ ही उन पर 1 लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

कोर्ट ने कहा है कि PTI चेयरमैन इमरान ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी थी। इसके साथ ही वो भ्रष्टाचार में लिप्त थे। इससे पहले शनिवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद 12:30 बजे तक फैसला रिजर्व कर लिया गया था। लेकिन इसके बाद भी जब इमरान कोर्ट नहीं पहुंचे तो जज ने फैसला सुना दिया।

पत्नी बुशरा भी आरोपी

तोशाखाना केस दो तरह से चल रहा है। इसमें इमरान की सुनवाई अदालत में हो रही है। इसके अलावा उनकी पत्नी बुशरा बीबी को एंटी करप्शन एजेंसी पूछताछ के लिए बुला रही है, क्योंकि तोशाखाना के करोड़ों रुपए के तोहफे बुशरा ने ही बेचने के लिए दिए थे।

बुशरा बीबी को भी जांच एजेंसी के सामने पेश होना है। अब तक कुल 13 बार बुशरा को जांच एजेंसी ने पेश होने के लिए नोटिस दिया है, लेकिन वो एक भी बार पेश नहीं हुईं। इसके बाद जांच एजेंसी ने अखबारों में एक इश्तिहार निकलवाया और कहा कि अगर बुशरा बीबी पेश नहीं हुईं तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किए जाएंगे।

इसके बाद इमरान ने एक पिटीशन लाहौर हाईकोर्ट में दायर की थी। कहा- मेरी पत्नी घरेलू महिला हैं और उनका सियासत से कोई ताल्लुक नहीं है। लिहाजा, उन्हें पूछताछ से राहत दी जाए। दूसरी तरफ, इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान के खिलाफ बेहद पुख्ता सबूत हैं और यही वजह है कि वो किसी न किसी बहाने से सुनवाई को लंबे वक्त तक लटकाना चाहते हैं।

अब तोशाखाना केस को तफ्सील से समझिए

  • चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।
  • करीब दो साल पहले अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की थी। कहा- इमरान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
  • इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से पूछा था- आप तोहफों की जानकारी क्यों नहीं देते? इस पर खान के वकील का जवाब था- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते।
  • तोशाखाना का नियम क्या है

    • पाकिस्तान की पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
    • तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है।
    • इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजिनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।
    • एक और खास बात यह है कि फराह गोगी उसी दिन (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान से एक प्राइवेट जेट से फरार होकर दुबई पहुंच गईं थीं, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी।