छत्तीसगढ़ में बीते दस महीने में 9097 सड़क हादसों में 3543 लोगों ने गंवाई जान

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। अनलॉक के बाद प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पिछले साल के मुकाबले सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत की वृद्धि सितंबर में हुई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सड़क हादसों में हर सौ में से 95 लोगों की मौत हेलमेट नहीं पहनने के कारण हो रही है। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए सभी जिलों में अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इस साल दस महीनों में सड़क हादसों के आंकड़े थोड़े कम हैं, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे-जैसे आवाजाही बढ़ी है, उसके साथ हादसों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

अनलॉक के बाद अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हादसे हुए हैं। रायपुर सहित गरियाबंद, मुुंगेली, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में हादसों में मरने वालों की संख्या अधिक है, जबकि बाकी जिलों में मृत्यु दर में कमी आई है। प्रदेशभर के सड़क हादसों के अध्ययन के बाद पुलिस मुख्यालय ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक 67 प्रतिशत दोपहिया वाहन सवारों की मौत हुई है। दोपहिया वाहन सवार 2359 लोग हादसे के शिकार हुए, जिनमें 2361 की मौत हो गई। इनमें से 2257 की मौत हेलमेट नहीं पहनने से हुई है। इस साल दस महीने में 9097 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें 3543 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 8388 लोग घायल हुए हैं। पिछले साल की तुलना में हादसों में 22 फीसदी की कमी आई है। मृतकों और घायलों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले कम है।

7.71 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना

इस साल ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करने वाले 2.38 लाख लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 7.71 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया गया है। ट्रैफिक एआईजी संजय शर्मा ने बताया कि राज्य में अधिकांश सड़क दुर्घटना ओवर स्पीड, रांग साइड ड्राइविंग, शराब पीकर वाहन चलाने, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट के कारण हुई है। पुलिस मुख्यालय ने हादसों पर रोक लगाने के लिए सभी एसपी को ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की खिलाफ कार्रवाई करने, ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने, गंभीर किस्म के हादसों की वैज्ञानिक पद्धति से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।