गरियाबंद। आरक्षण के मुद्दे को लेकर आदिवासी विकास परिषद ने राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के बहिष्कार के फैसले के तहत मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी लगाई, आंदोलन के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। विरोध प्रदर्शन के लिए पैदल आ रहे हैं आदिवासियों को स्वामी आत्मानंद स्कूल के पास पुलिस ने रोका। यहां आदिवासियों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा काफी गरमा गया है। राज्य में आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण देने के मसले पर अब आदिवासी विकास परिषद गरियाबंद उग्र हो गया है। आज मंगलवार को पैदल राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरक्षण के मुद्दे को लेकर काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
बताया जाता है कि आदिवासी विकास परिषद ने बैठक में यहां निर्णय लिया गया 1 से 3 नवंबर तक आयोजित राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का बहिष्कार करेंगे । आदिवासी विकास परिषद गरियाबंद के अध्यक्ष उमेदि कोर्राम ने कहा कि आदिवासी समाज की नाराजगी 32 फीसदी आरक्षण खत्म हो जाने की वजह से है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 19 सितम्बर के फैसले से समाज का 32 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है।
राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने की बात कही थी। आज एक महीने से अधिक समय हो गया सरकार अदालत नहीं पहुंच पाई है। हमारे समाज के मंत्री-विधायक भी इस मुद्दे पर कुछ बाेल नहीं पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में समाज ने फैसला किया है कि जो समाज का काम नहीं करेगा, समाज उसका विरोध करेगा।
जिला स्तर पर राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध किया जाना है। इसी के तहत विरोध में काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया । इस विरोध प्रदर्शन में लोकेश्वरी नेताम सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।