भारत को पहला C-295 ट्रांसपोर्ट प्लेन मिला

वायुसेना प्रमुख ने स्पेन में रिसीव किया; 56 में से 16 प्लेन रेडी टु-फ्लाई कंडीशन में आएंगे

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नई दिल्ली। यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (ADSpace) ने बुधवार को भारत को पहला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयर लिफ्ट प्लेन सौंप दिया। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्पेन के सेविले शहर में इस प्लेन को रिसीव किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती आगरा एयरबेस में होगी। जहां इसके पायलट्स का ट्रेनिंग सेंटर भी अगले साल तक तैयार हो जाएगा। - Dainik Bhaskar

इस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को जल्द ही भारत लाया जाएगा। एयर चीफ एक दिन पहले ही प्लेन लेने के लिए स्पेन पहुंच गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, C-295 को स्पेन के सेविले प्लांट में बनाया जा रहा है। भारतीय वायुसेना में इसका फाइनल इंडक्शन इसी महीने हिंडन एयरबेस पर होगा। दूसरा एयरक्राफ्ट मई 2024 तक भारत आएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती आगरा एयरबेस में होगी। जहां इसके पायलट्स का ट्रेनिंग सेंटर भी अगले साल तक तैयार हो जाएगा।

सितंबर 2021 में भारत ने ADSpace के साथ C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए 21 हजार करोड़ रुपए की डील की थी। इसमें 56 प्लेन की मांग की गई थी। इनमें से 16 प्लेन रेडी टु-फ्लाई कंडीशन में स्पेन से आएंगे। बाकी के 40 प्लेन गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी बनाएगी।

भारत में 2024 से बनना शुरू होगा
टाटा एडवांस सिस्टम लि. गुजरात के वडोदरा में 2024 के मध्य तक C-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। पहला स्वदेशी C-295 विमान 2026 में बनकर तैयार होगा। फाइनल असेम्बलिंग के लिए एयरबस और टाटा के हैदराबाद व नागपुर प्लांट में 14,000 से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स तैयार कर वडोदरा भेजे जाएंगे। कंपनी 2031 तक वायुसेना को सभी 40 एयरक्राफ्ट सौंप देगी।

नेवी और कोस्ट गार्ड भी खरीद सकती है 15 प्लेन
वायुसेना के अलावा नौसेना और कोस्ट गार्ड भी 15-16 प्लेन खरीद सकती हैं। फिलहाल इस पर बातचीत चल रही है। नेवी के लिए 10 प्लेन कोस्टल सर्विलांस व पेट्रोलिंग के लिए तैयार किए जाएंगे। वहीं, कोस्ट गार्ड भी 6 एयरक्राफ्ट के जरिए निगरानी और ट्रूपर्स मूवमेंट करेगी।

इतना ही नहीं, देश की सीमाओं की निगरानी करने वाली BSF ने भी C-295 खरीदने की तैयारी की है। करीब 3 सिक्योरिटी एजेंसी भी निगरानी के लिए इसे खरीदने को तैयार हैं। 6 पायलट और 10 इंजीनियर के दल ने सेविले में इस प्लेन की हैंडलिंग से जुड़ी ट्रेंनिंग पूरी कर ली है।

एयरक्राफ्ट C-295 की खासियत

  • ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। कंपनी के मुताबिक ये एयरक्राफ्ट 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। वहीं, लैंडिंग के लिए 670 मीटर की लंबाई काफी है। यानी लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन में ये एयरक्राफ्ट मददगार साबित होगा।
  • एयरक्राफ्ट अपने साथ 7,050 किलोग्राम का पेलोड उठा सकता है। एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है।
  • लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। 2 लोगों के क्रू केबिन में टचस्क्रीन कंट्रोल के साथ स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम भी है।
  • C-295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में पीछे रैम्प डोर है, जो सैनिकों या सामान की तेजी से लोडिंग और ड्रॉपिंग के लिए बना है।
  • एयरक्राफ्ट में 2 प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगे हुए हैं। इन सभी प्लेन को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट से लैस किया जाएगा।