निलंबन अवधि में ही सेवानिवृत्त होंगे आइपीएस मुकेश गुप्ता!

पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी और आइएएस बीवीआर सुब्रमण्यम भी होंगे रिटायर

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राज्य कैडर के अखिल भारतीय सेवा के तीन आला अफसर इस महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें चर्चित आइपीएस मुकेश गुप्ता भी शामिल हैं। गुप्ता 1988 बैच के हैं और करीब तीन वर्ष से निलंबित हैं। उन पर गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग करने का आरोप है। दूसरे अफसर 1987 बैच के आइएएस बीवीआर सुब्रमण्यम हैं। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य के पहले मुख्य सचिव रहे सुब्रमण्यम इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस सूची में तीसरा नाम आइएसएफ राकेश चतुर्वेदी का है। 1985 बैच के चतुर्वेदी राज्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) हैं।

पदोन्नति के लिए कोर्ट की शरण में हैं गुप्ता

प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार ने गुप्ता सहित तीन अफसरों को एडीजी से डीजी रैंक पर पदोन्न्त किया था। 2019 में मौजूदा सरकार ने उन्हें फिर से एडीजी बना दिया। गुप्ता ने सरकार के इस फैसले को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी, जहां फैसला गुप्ता के पक्ष में आया, लेकिन सरकार इस फैसले के विरुद्ध हाई कोर्ट चली गई। वहां भी सिगल बैंच के बाद डबल बैंच में सुनवाई चल रही है। अफसरों के अनुसार पदोन्न्ति को लेकर कोर्ट का फैसला जो भी आए, लेकिन फिलहाल गुप्ता का निलंबन समाप्त होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में उन्हें निलंबन अवधि में ही सेवानिवृत्त होना पड़ेगा।

नए पीसीसीएफ के लिए डीपीसी जल्द

आइएफएस चतुर्वेदी के सेवानिवृत्त होने से रिक्त होने वाले पीसीसीएफ के पद पर नियुक्ति के लिए जल्द ही विभागीय पदोन्न्ति समिति (डीपीसी) की बैठक हो सकती है। इस पद के लिए 1985 बैच के आइएफएस संजय शुक्ला का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। प्रशासनिक गलियारे में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि सेवानिवृत्ति के बाद चतुर्वेदी को भी सरकार कोई पद दे सकती है।

सुब्रमण्यम को मिल सकता सेवा विस्तार

आइएएस सुब्रमण्यम की केंद्र में पकड़ अच्छी मानी जाती है। सुब्रमण्यम पहले मनमोहन सरकार में लंबे समय तक पीएमओ में रहे। इसके बाद छत्तीसगढ़ लौटे तो फिर मोदी सरकार ने उन्हें दिल्ली बुलाकर उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्य सचिव बनाया। अभी वे केंद्रीय सचिव हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार उन्हें सेवा विस्तार का लाभ दे सकती है।