रायपुर। राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) के अध्यक्ष और प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय फिर चर्चा में हैं। इस बार मुद्दा Uniform Civil Code (UCC) यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड या हिन्दी में कहें तो समान नागरिक संहिता का है। केंद्र सरकार यूसीसी लागू करने के लिए देशभर में लोगों और संगठनों की राय ले रही है। संभावना जताई जा रही है कि सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र में इसे पेश कर सकती है।
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल Uniform Civil Code (UCC) को लेकर पहले ही अपनी राय स्पष्ट कर चुके हैं। वे Uniform Civil Code (UCC) लागू होने की स्थिति में आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं को लेकर चिंता जात चुके हैं। इस मामले में सीएम भूपेश की राय में एक धर्म विशेष को टारगेट करके यह कानून बनाया जा रहा है। बघेल के अनुसार इससे हिंदू और आदिवासियों पर भी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि केंद्र Uniform Civil Code (UCC) को लेकर ड्राफ्ट लाए फिर कंडिकावार चर्चा की जाएगी।
Uniform Civil Code (UCC) को लेकर कांग्रेस पार्टी की राय भी ऐसी ही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार इसका ड्राफ्ट (मसौदा) प्रस्तुत नहीं करती तब तक पार्टी इस पर कुछ नहीं कहेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरुर ने आज ही यह बात स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि हमें पहले यह देखना है कि आखिर सरकार प्रस्ताव क्या ला रही है।
इधर, हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में पहुंचे नेता नंद कुमार साय इस मामले में उलझते नजर आ रहे हैं। Uniform Civil Code (UCC) को लेकर साय ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। इसमें साय कह रहे हैं कि मुझे जानकारी मिली है कि Uniform Civil Code (UCC) पर मैंने अपना कोई वक्तव्य दिया है, लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक हम इस मामले को देख नहीं लेते, समझ नहीं लेते तब तक अपनी राय कैसे दे सकते हैं। साय ने कहा कि Uniform Civil Code (UCC) का न तो मैंने समर्थन किया है और न ही विरोध किया है। इसके नियमों को देखने के बाद ही इस पर हम अपनी कोई राय देंगे।