नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। शुरूआती भाषण में उन्होंने मध्य प्रदेश चुनावों को ध्यान में रखते हुए राज्य के कार्यकर्ताओं और बूथ समितियों के प्रमुखों को दिशानिर्देशित किया। इस दौरान उन्होंने तमाम कार्यकर्ताओं के सवालों का जवाब भी दिया। इसी बीच पीएम मोदी ने यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का जिक्र छेड़ दिया। पीएम मोदी का केवल UCC कहना भर था कि वहां मौजूद कार्यकर्ताओं में अलग ही प्रकार का जोश आ गया।
तीन तलाक से सिर्फ मुस्लिम बेटियां ही नहीं बल्कि पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग तीन तलाक की बात करते हैं। जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं, जो भी इसकी वकालत करते हैं। वो वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से केवल बेटियों पर अन्याय नहीं होता बल्कि पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है तो कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों में क्यों इसको बंद कर दिया।
राजनीतिक दल मुसलमानों को भड़का रहे- पीएम मोदी
उन्होंने कहा, “भारत के मुसलमान भाई बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का कर उनका राजनीतिक फायदा ले रहे हैं। हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर ऐसे लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?”
सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि ‘कॉमन सिविल कोड’ लाओ- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार बार कहा है कि ‘कॉमन सिविल कोड’ लाओ लेकिन ये वोटबैंक के भूखे लोग, वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमंदों मुसलमानों का शोषण किया है लेकिन उनकी कभी चर्चा नहीं हुई। उन्हें आज भी बराबरी का हक़ नहीं मिलता। लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि UCC को लेकर मुसलमानों के बीच काफी गलत बातें फैलाई गई हैं, जिन्हें अब बीजेपी के कार्यकर्ता एक-एक मुस्लिम के पास जाकर दूर करेगा।
पीएम मोदी के भाषण से मिला यह बड़ा संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस तरह से एक जनसभा में UCC की चर्चा करना यह संकेत दे रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसे देशभर में लागू कर सकती है। बता दें कि बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में यह सबसे बड़े वादों में से एक है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इसे संसद के माध्यम से पास कराकर लागू कराने का प्रयास करेगी।