0 तिवारी और अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण काल की चुनौतियों की चर्चा करते हुए एक नए और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया
0 सशिमं में गणतंत्र दिवस की 71वीं वर्षगाँठ पर हुआ कार्यक्रम, उपलब्धियों के लिए छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र दिए गए
बागबाहरा। सरस्वती शिक्षा संस्थान, छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िला प्रतिनिधि और स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर उमा विद्यालय की संचालन समिति के अध्यक्ष अनिल पुरोहित ने भारतीय उपलब्धियों के प्रति दुर्लक्ष्य कर राजनीतिक स्वार्थपरता और हठवादिता के चलते भारतीय गणतंत्र के समक्ष विश्वास का संकट पैदा करके पेश की जा रहीं चुनौतियों का डटकर मुक़ाबला करने की ज़रूरत पर बल दिया है। पुरोहित स्थानीय सशिमं परिसर में आहूत 72वें गणतंत्र दिवस समारोह को अध्यक्षीय आसंदी से संबोधित कर रहे थे।
समारोह के अध्यक्ष पुरोहित ने कहा कि पिछले गणतंत्र दिवस पर भारत की चौखट पर कोरोना संक्रमण की जिस वैश्विक महामारी की दस्तक ने भय व आशंका से हमें सहमा दिया था, उस महामारी का डटकर सामना करके जिस एकजुटता के साथ भारता ने अपनी जिजीविषा का परिचय दिया है, वह विश्व मंच पर एक मिसाल है। दुनिया को कोविड-19 का मुक़ाबला करने भारत ने अपनी वैक्सीन बनाकर इस गणतंत्र दिवस पर जीवन के प्रति हमारे विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण को तो दृढ़ता प्रदान की है, साथ ही आत्मनिर्भर भारत के ‘सर्वे सन्तु निरामया’ के जीवन दर्शन में हमारी आस्था को दृढ़ किया है। श्री पुरोहित ने कहा कि कोरोना के वायरस से भी अधिक संक्रामक विषाणु आज भारतीय गणतंत्र के लिए ख़तरा बने हुए हैं, जिनको एक सजग, विश्वास से भरपूर और सर्व समन्वयवादी, सर्व समावेशी व सामाजिक समरसता से ओतप्रोत समाज की रचना करके पूरी तरह कुचलना समय की मांग है। इस दृष्टि से सरस्वती शिशु मंदिर की अवधारणा से जुड़े सभी आचार्यों-दीदीयों व हम सब कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी अहम है और इसके लिए हम सबको कृत-संकल्पित होना होगा।
समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संचालन समिति के सह-सचिव रामजी तिवारी और विशेष अतिथि संचालन समिति के कोषाध्यक्ष राहुल अग्रवाल ने भी संबोधित करते हुए कोरोना संक्रमण काल की चुनौतियों की चर्चा करते हुए एक नए और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया। समारोह के प्रारंभ में समारोह के अध्यक्ष श्री पुरोहित ने विद्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण किया। बाद में तिवारी, अग्रवाल समेत विद्यालय के प्राचार्य त्रिलोचन साहू, प्रधानाचार्य गोपाल सोनवानी और सभी आचार्यों-दीदीयों ने भारतमाता की पूजा-अर्चना व आरती की। इस अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी अपनी उपलब्धियों के लिए विद्यालय के छात्र-छात्राओं कु. निधि साहू को कक्षा पाँचवीं, कु. तान्या दीवान को कक्षा आठवीं, कौशल पटेल को कक्षा 10वीं और कुणाल देवांगन को कक्षा 12वीं में प्रथम स्थान अर्जित करने पर और कु. दीक्षा चंद्राकर व धनराज पटेल को सत्र के लिए सदाचारी बालिका व सदाचारी बालक के रूप में पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम के अंत में समिति के पूर्व उपाध्यक्ष व मार्गदर्शक स्व. नानालाल गांगजी चौहान को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का संचालन कु. दीक्षा चंद्राकर व कु. दीपिका सोनी ने किया। इस अवसर पर समिति के सचिव-व्यवस्थापक जोगेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष मनसुखभाई परमार, सभी समिति सदस्य, अभिभावक व पूर्व छात्र उपस्थित थे।