जांजगीर। जांजगीर में कांग्रेस भरोसे का सम्मेलन का आयोजन कर रही है। जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए हैं। उन्होंने संबोधन में मणिपुर और संसद की कार्यवाही का जिक्र किया और कहा कि, मणिपुर जल रहा है, 5 हजार घर को आग लगाई गई। हजारों लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री इस पर कुछ बोलें लेकिन वे मौन नहीं तोड़ रहे।
राहुल गांधी मणिपुर पहुंचकर हिंसा प्रभावित लोगों से मिले। हमारे कई सांसद मणिपुर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। इस बात को उन्होंने संसद में रखा और सवाल किए। इस सवाल का जवाब प्रधानमंत्री ने नहीं दिया। बस कांग्रेस का मजाक उड़ाते रहे।
CM भूपेश ने कहा कि- मिनी माता की धरती पर AICC अध्यक्ष का स्वागत है। यहां आने के लिए उनका आभार। भूपेश बघेल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि- रुला-रुलाकर केंद्र सरकार ने हमारा चावल खरीदा। बीजेपी के नेता लगातार झूठ बोल रहे हैं। यहां तक की प्रधानमंत्री भी यहां आकर झूठ बोलकर जाते हैं। कांग्रेस की सरकार मजदूरों को 7 हजार सालाना दे रही है। गरीबों के चावल को खाने का काम बीजेपी ने किया।
जांजगीर जाने से पहले खड़गे दिल्ली से सीधे रायपुर पहुंचे थे। यहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, स्पीकर चरणदास महंत, प्रभारी कुमारी सैलजा और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज समेत सूबे के तमाम मंत्री, नेता और पदाधिकारी मौजूद हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि इस कार्यक्रम में 30 हजार से ज्यादा लोग जुटे हैं।
467 करोड़ रुपए के 1043 विकास कार्यों की सौगात दी
इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश ने 467 करोड़ 32 लाख 92 हजार रुपए के कुल 1043 विकास कार्यों की सौगात दी। इनमें 87 करोड़ 24 लाख 21 हजार रुपए से अधिक के 192 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। वहीं 379 करोड़ 78 लाख 71 हजार से अधिक रु के 851 विकास कार्यों का खड़गे की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन किया।
बिलासपुर संभाग के SC बहुल जिले में खड़गे के दौरे को जातिगत समीकरणों से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जिसे साधने के लिए बड़ी सभा आयोजित की जा रही है। इसके साथ ही पार्टी की नजर उन 24 सीटों पर भी है, जो इस संभाग में आती हैं।
खड़गे की सभा के क्या हैं सियासी मायने
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा अनुसूचित जाति वर्ग बहुल जांजगीर-चांपा जिले में कराई जा रही है, लेकिन इस सभा के जरिए पूरे बिलासपुर संभाग की 24 सीटें साधने और प्रदेश की बाकी रिजर्व सीटों पर भी मैसेज देने की कोशिश होगी।
बिलासपुर संभाग में 8 जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ति, बिलासपुर और सारंगढ़- बिलाईगढ़ हैं। इन जिलों में 24 विधानसभा सीटें आती है, जिनमें 4 अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जबकि बाकी सीटों में भी जनसंख्या के हिसाब से SC वर्ग का बड़ा दखल है।
प्रदेश में कुल 10 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग(SC) के लिए आरक्षित है। इनमें बिलासपुर संभाग की 4 सीटें सारंगढ़, मुंगेली, मस्तुरी और पामगढ़ हैं, जो जांजगीर-चांपा जिले के नजदीक ही है। इन 4 आरक्षित सीटों में 2 बीजेपी, 1 कांग्रेस और 1 बसपा के पास है। ये वही 4 सीटें हैं, जहां कांग्रेस का परफॉर्मेंस पिछले चुनाव में कमजोर रहा था।
SC वर्ग का बड़ा प्रभाव
मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी का सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। इस क्षेत्र में बसपा के पारम्परिक वोटर्स हैं, जो उन्हें जीत दिलाते आए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर बसपा की कमजोर स्थिति का फायदा प्रदेश में कांग्रेस उठाना चाहती है। इसके अलावा यहां अनारक्षित सीटों में भी SC वर्ग के मतदाताओं की बड़ी संख्या हैष इसलिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत जांजगीर-चांपा जिले में राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा कराई है।