कोतवाली जेल में जन्मे कान्हा, पिता वासुदेव ले गए गोकुलधाम, गूंजे जयकारे

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रायपुर। राजधानी के विविध मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व शुक्रवार को भक्ति उल्लास से मनाया गया। जैसे ही रात्रि में घड़ी की सुइयां आपस में मिलीं, वैसे ही भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे गूंज उठे। मंदिरों के अलावा सदरबाजार स्थित सिटी कोतवाली में भी जन्मोत्सव मनाया गया। कारागृह में द्वार के बाहर पहरा दे रहे सिपाहियों ने कृष्ण जन्म का मंचन किया। सिपाही गहरी नींद में सो गए।

कारागृह के भीतर वासुदेव का रूप धारण कर रखे श्रद्धालु ने कान्हा की प्रतिमा को टोकरी में रखा और कोतवाली से थोड़ी दूर स्थित गोपाल मंदिर, गोकुलधाम ले गए। मंदिर पहुंचते ही श्रद्धालु भक्तिभाव में खुशी से झूम उठे। इससे आधा घंटा पहले पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर में श्रीकृष्ण की बड़ी बहन योगमाया का जन्मोत्सव मनाया गया।

इसके अलावा टाटीबंध स्थित इस्कान मंदिर, समता कालोनी एवं जवाहर नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर, खाटू मंदिर, पुरानी बस्ती के जैतूसाव मठ में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। लड्डू गोपाल की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की.., हाथी-दीनी, घोड़ा दीनी और दीनी पालकी… के जयकारे लगाते हुए भक्तिभाव में खुशी से झूम उठे।

पुजारियों के सानिध्य में आधी रात को महाआरती की गई। एक स्वर में आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की…… से मंदिर परिसर गूंज उठा। इसके पश्चात हिंडोला पर विराजित कान्हा को झूला झुलाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ लग गई। महाआरती करके माखन, मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया।

भजनों से बांधा समां

खाटू श्याम मंदिर के समीप गोदावरी सदन में भजन गायक पं. लल्लू महाराज ने राधा-कृष्ण की लीलाओं से ओतप्रोत भजनों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। गोदावरी सदन में सैकड़ों युवतियों ने भक्ति गीतों पर नृत्य, गरबा करके खुशियां मनाई।

टाटीबंध स्थित इस्कान मंदिर के प्रवक्ता दिलीप केडिया एवं राजेंद्र पारख ने बताया कि मंदिर के अध्यक्ष एचएच सिद्धार्थ स्वामी एवं महोत्सव समिति के चेयरमैन राजेश अग्रवाल के सान्निाध्य में तीन दिवसीय पर्व के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह से रात तक विविध आयोजन हुए। श्रीकृष्ण बाललीला गुणगान, भजन कीर्तन, राजभोग अर्पण, राजभोग आरती, दुग्धाभिषेक, छप्पन भोग, महाआरती की गई। तीसरे दिन 20 अगस्त को व्यास पूजा के साथ महोत्सव का समापन होगा। सुबह श्रील प्रभुपाद का गुणगान, महाभिषेक के पश्चात प्रसाद वितरित किया जाएगा।

 

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