रायपुर। खाकी वर्दी, पुलिस फोर्स के वीरों की शौर्यता वाली बैंड की धुन पर कदमताल। मंच से सलामी और फिर देश सेवा की शपथ। रायपुर में पुलिस फोर्स की नई बैच में नए जवानों की ट्रेनिंग पूरी हुई। दीक्षांत परेड में जवान शामिल हुए। इनमें किन्नर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 12 लोग भी शामिल थे।
ये पहली बार है जब प्रदेश की पुलिस फोर्स में ट्रेनिंग पूरी करके ये स्पेशल 12 अब फोर्स का हिस्सा बन चुके हैं। इस रिपोर्ट में उन किन्नर समुदाय के आरक्षकों की कहानी भी पढ़िए जो कभी किन्नरों की तरह तालियां बजाने के तानों और गालियों को झेल चुके हैं। अब उन्हें जिंदगी बदलने की आस है।
पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय माना के परेड ग्राउंड में परेड हुई। यहां बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव पहुंचे। परेड की सलामी के बाद आईजी यादव ने नए जवानों को सर्विस के लिए तैयार रहने और आम आदमी की सेवा के लिए मोटिवेट किया। इस परेड में कुल 469 पुरूष, महिला एवं किन्नर नव आरक्षकों ने हिस्सा लिया। अब इन्हें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में थानों और पुलिस महकमे के कार्यालयों में पोस्टिंग दी जाएगी।
नई टीम को अपडेट रहने की सलाह
इस 29 वें दीक्षांत समारोह में 308 महिला एवं 12 तृतीय लिंग नवआरक्षक एवं 42 वां सत्र दीक्षांत समारोह में 149 पुरूष नवआरक्षक परेड में सम्मिलित हुए। मुख्य अतिथि अजय यादव (आईजी) ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षण सदैव एक तराशने की प्रक्रिया होती है, कुछ संदर्भों में यह कष्टप्रद भी हो सकती है परन्तु यह आवश्यक प्रक्रिया है। अपराध एवं अपराधियों की आपराधिक कार्यप्रणाली में भी परिवर्तन हो रहा है, आपको ऐसी कार्यप्रणाली के प्रति सर्तक रहने की आवश्यकता है। मार्डन गजेट्स व अन्य संसाधन जहां अपराध की कार्यप्रणाली को बढ़ाते हैं वहीं यदि हम इनकी उपयोगिता को समझे तो अधिक कारगर ढंग से अपराध को नियंत्रित कर सकते हैं।
पुलिस फोर्स में आने से पहले कुछ ऐसी रही जिंदगी
शपथ लेने वालों तृतिय लिंग समुदाय से आने वाले तनुश्री और शबूरी भी शामिल हैं। रायपुर की तनुश्री ने बताया कि स्कूल में जैसे-जैसे उम्र बढ़ रही थी, शरीर में बदलाव महसूस हो रहे थे। मगर दोस्तों या घर वालों के सामने मैंने कभी यह नहीं दिखाया कि मैं अलग हूं। डर की वजह से मैं एक लड़के की तरह रहती थी। मगर यह बात नहीं छुपाई जा सकती थी। 12वीं क्लास तक 4 स्कूल बदलने पड़े क्योंकि सभी मुझे परेशान करते थे। घर वालों ने भी साथ छोड़ दिया। कई बार वो बाहर मिलते हैं तो पहचानने से इंकार कर देते हैं। हां फोन जरूर करते हैं कभी-कभी ये देखने के लिए कि मैं जिंदा हूं भी या नहीं। मगर मैं खुद को बेहतर बनाने में जुटी हुई हूं। मुझे अब पुलिस फोर्स में आने के बाद उम्मीद है कि हमारे प्रति समाज का नजरिया बदलेगा।
शबूरी ने बताया, ‘खाकी पुलिस का गौरवशाली यूनिफॉर्म तो है ही, उससे भी कहीं ज्यादा ये मेरे लिए सम्मान की खाकी है। इस वर्दी की सभी इज्जत करते हैं। बचपन में मैं लड़कों से अलग थी। सभी मेरा मजाक बनाते थे, गालियां देते थे। तब मैंने देखा था कि सभी पुलिस से डरते हैं, सम्मान करते हैं। तभी सोच लिया था कि बड़ी होकर पुलिस में जाऊंगी। जब साल 2017 में ये पता चला कि हमें भी पुलिस भर्ती में मौका मिल सकता है तो तैयारी में लग गए। मैदान में जाना और फिजिकल ट्रेनिंग की तैयारी करना बेहद मुश्किल रहा।
बेस्ट जवान को अवॉर्ड भी
पीटीएस माना के संस्था प्रमुख डॉ. इरफान-उल रहीम खान ने बताया कि इस संस्था को बीपीआरएण्डडी नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2021-2022 में केन्द्रीय गृहमंत्री ट्राफी से सम्मानित किया गया एवं 2 लाख रुपए नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। इस वर्ष संस्था को इन्वायरमेंट मैनेजमेंट और क्वालिटी सिस्टम के लिए करड सर्टिफिकेट मिला है। यहां आॅल राउण्ड बेस्ट प्रशिक्षणार्थी का प्रथम स्थान महिला नवआरक्षक अभिलाषा सिंह जिला-राजनांदगांव को एवं 42वां सत्र पुरूष नवआरक्षक आॅल राउण्ड बेस्ट प्रशिक्षणार्थी का प्रथम स्थान मिथलेश पुजारी जिला-दन्तेवाड़ा को प्राप्त हुआ।