जानिये पुलिस ने कैसे चप्पल से सुलझाया मर्डर केस

Chhattisgarh Crimes

कोटा। राजस्थान के कोटा में पुलिस ने महज एक चप्पल को क्लू मानते हुए जांच आगे बढ़ाया और अखिरकार आरोपियों तक पहुंच ही गई। दरअसल, 21 मार्च 2015 को एक बूढ़ी औरत ने रामगंज थाने में अपने 30 साल के बेटे ओमप्रकाश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। औरत ने बताया कि उसके बेटे की चप्पल घर पर ही है और उसका मोबाइल भी बिस्तर पर रखा है। चूंकि मामला मजदूर परिवार से जुड़ा था इसलिए हत्या की बात किसी ने नहीं सोची। हालांकि पुलिस ने हत्या के एंगल पर जांच शुरू की।

एक दिन मोहल्ले के एक व्यक्ति ने पुलिसवालों से कहा कि आप तीन मकान छोड़कर इस बड़े से घर वालों से बात क्यों नहीं करते। ओमप्रकाश वहां आता-जाता था। उस परिवार से पूछताछ करने पर पता चला कि इनका एक फार्म हाउस है और ओमप्रकाश ने वहां काम किया है। जब पुलिस वालों ने घर के लोगों को फार्म हाउस चलने को कहा तो वे घबरा गए और वहां जाने का विरोध किया।

यही घबराहट और विरोध उन पर संदेह करने को काफी था। फार्म हाउस में एक कमरे में पांच सोफे के सेट में से तीन की गद्दियां गायब थीं और वहां जरूरत से ज्यादा सफाई थी, जबकि बाकी कमरों में नहीं। सोफे के नीचे व दीवार पर डॉग क्वायड और एफएसएल टीम को खून लगा मिला। पुलिस ने तीन टीमें बनाईं। एक टीम ने रेकी शुरू की, दूसरी ने गद्दियां ढूंढ़नी शुरू कीं और तीसरी ने आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की।

एक मुखबिर ने फार्म हाउस से आधा किमी दूर एक बस्ती में उस तरह की नई गद्दियां होने की बात बताई। पुलिस को कचरा बीनने वालों ने बताया कि वो फार्म हाउस के पास खून से सनी पड़ी थीं। सख्ती से की गई पूछताछ में फार्म हाउस के मालिक ने सब कुछ उगल दिया। आरोपी मन्नू ने बताया कि उसके मकान में कुछ अनैतिक गतिविधियां चलती थीं। मृतक ओमप्रकाश पड़ोस के निमाणार्धीन मकान में चौकीदार था। उसका मोबाइल-लैपटॉप चोरी हुआ तो ओमप्रकाश पर शक किया। मन्नू का नौकर उसे दारू पिलाने के बहाने घर के बाहर से 21 मार्च को बाइक पर बैठाकर ले गया था। इसलिए उसने चप्पलें नहीं पहनी थीं। फार्म हाउस पर लाकर चोरी उगलवाने के लिए ओमप्रकाश को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।

आरोपियों ने पहले तो ओमप्रकाश की लाश को गाड़ दिया, फिर हिंदू को गाड़ने पर भूत बनने का डर लगा तो लाश निकालकर जला दी। इसके बाद राख और हड्डियां कट्टे में बंद करके आनासागर झील बांडी नदी में फेंक दिया। कबूलनामे के बाद पुलिस ने गोताखोरों की मदद से हड्डियों के उस कट्टे को भी बरामद कर लिया और इस केस में पांच आरोपी गिरफ्तार हुए।