रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में मंगलवार को ईडी ने जेल में बंद पूर्व आबकारी अधिकारी अरूणपति त्रिपाठी समेत पांच आरोपितों के खिलाफ 16 हजार पन्नों का चार्जशीट विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया। ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि अरुणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अरविंद सिंह समेत अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 3 और 4 के तहत विशेष कोर्ट में कोर्ट में 12 हजार पन्नों के दस्तावेज के साथ हार्ड डिस्कऔर सीडीपेश किया गया है।
ईडी की जांच में यह पाया गया कि अरूणपति त्रिपाठी ने शराब की पालिसी बदलकर एक सिंडिकेट चलाया।उसमें बड़े नेताओं के अलावा वरिष्ठ अफसरों की भी भूमिका थी। एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया कि छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी। शेष आरोपितों का काम करोड़ों रूपये कलेक्शन करने के साथ ही इधर से उधर करने का था। आरोप पत्र में बताया गया कि पप्पू ढिल्लन की दो कंपनियों पेट्रोसन बायो और ढिल्लन शापिंग माल को भी शामिल किया गया। चार्जशीट पर 11 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। वही अरुण पति त्रिपाठी की मंगलवार को लगी जमानत अर्जी ईडी के द्वारा जवाब नहीं दे पाने के चलते 11 जुलाई को सुनवाई होगी। जेल प्रशासन को पुलिस बल नही मिलने के कारण पांचों आरोपितों को कोर्ट में नही लाया जा सका।
गौरतलब है कि ईडी ने छापेमारी कार्रवाई कर छग आबकारी विभाग में हुए दो हजार करोड़ रुपए घोटाले का भड़ाफोड़ किया था। इस मामले में ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह उर्फ पप्पू ढिल्लन, अरविंद सिंह और अरुण पति त्रिपाठी को आरोपित बनाया है। वहीं कुछ महीने पहले छत्तीसगढ़ में ईडी ने ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई कर दावा किया है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है, जिसमें दो हजार करोड़ की मनी लांड्रिग के सबूत मिले हैं। उन्होंने अपनी जांच में यह खुलासा किया है कि कारोबारी छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहे हैं और उसमें बड़े नेताओं के अलावा सीनियर अफसरों का भी सपोर्ट है,जिसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी, इसमें ईडी ने कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की है।
ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि अभियोजन पक्ष की शिकायत पर जेल में बंद होटल कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित,पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अरविंद सिंह के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 3 और 4 के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।