छत्तीसगढ़ में 6,000 करोड़ रुपए के महादेव घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई और ईडी के साथ पुलिस भी एक्शन में

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में 6,000 करोड़ रुपए के महादेव घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई और ईडी के साथ पुलिस भी एक्शन में है। यही वजह है कि महादेव बुक के किं​गपिन (प्रमोटर्स) सौरभ चंद्राकर ने अपने सट्टा कारोबार में छत्तीसगढ़ के लड़कों को रखने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है, खासकर रायपुर और दुर्ग-भिलाई के क्योंकि ऐसे लड़के सीबीआई और पुलिस के रडार में हैं।

पूर्व में हुई गिरफ्तारियों से सीबीआई को कई बड़े लिंक मिले थे, जो जांच में बड़े आधार बने हैं। उधर, सौरभ ने छत्तीसगढ़ के बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन भी बैन करवा दिया है, ताकि ट्रांजैक्शन कहां से, किस रूप में हो रहा है, एजेंसियों को पता न चल सके।

महादेव बुक का हेडक्वार्टर दुबई से श्रीलंका शिफ्ट

दरअसल, सट्टेबाजी में दुबई और यूएई का नाम सामने आ रहा था। इससे विश्व स्तर पर बदनामी हो रही थी। ​यूएई सरकार ने दबाव बनाया, और 2 महीने में पूरा सेटअप शिफ्ट कर लिया गया। हालांकि, सौरभ अभी भी दुबई में है।

सौरभ और रवि उत्पल के पास वानयातू की नागरिकता

सौरभ और रवि उत्पल के पास वानयातू की नागरिकता है। सूत्रों के मुताबिक वह 4000 करोड़ इंवेस्ट कर चुका है। उधर, इस मामले में अब तक सौरभ, रवि और शुभम सोनी समेत अन्य पर 70 एफआईआर हैं। लुकआउट नोटिस भी है।

उधर, सीबीआई ने मार्च 2025 में पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, सेवानिवृत्त, वर्तमान आईएएस और राज्य पुलिस अफसरों के यहां छापे मारे। बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त हुए हैं।

1 महीने की पड़ताल में ऐसे 20 लड़कों को खोज निकाला, जो दुबई और श्रीलंका स्थित महादेव के हैडक्वार्टर में काम करके लौटे। डरे हुए इन लड़कों ने कई खुलासे किए। जैसे- महादेव बुक का हेडक्वार्टर दुबई से श्रीलंका शिफ्ट कर दिया गया है। आईडी, मनी ट्रांजैक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग, सेटलमेंट सब यही से ऑपरेट किया जा रहा है।

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