महिलाओं ने 10 हजार ट्री गार्ड बनाकर किया 45 लाख रुपये का व्यवसाय

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण और सुदूर वन क्षेत्रों में रहने वालों को भी रोजी रोजगार से जोड़ने व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में राज्य के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में महिला स्वसहायता समूह अपनी आय बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण सुधारने और पेड़ो की सुरक्षा का दायित्व भी अच्छी तरह से निभा रही हैं।

जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा अपनी मेहनत और लगन से पौधो की सुरक्षा के लिए बांस के आकर्षक एवं मजबूत ट्री-गार्ड बनाकर पर्यावरण को संवार रही है। इन ट्री-गार्डो को समूह द्वारा तैयार कर साढ़े चार सौ रूपए प्रतिनग के हिसाब से जिला प्रशासन को बेचा गया है। चालू मानसून मौसम में किए जा रहे वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत लगाए जा रहे पौधो को जानवरों की चराई से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा के तहत बनाये गए इन ट्री-गार्डो का उपयोग रोड के किनारे एवं गौठानो में हुए वृक्षारोपण में किया गया है। जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने 10 हजार ट्री गाड बनाकर जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिए है। ट्री-गार्डो को जिला प्रशासन को सौंपकर स्वसहायता समूहों की महिलाओ ने कोरोना काल मे 45 लाख रूपए से अधिक का व्यवसाय कर लिया है।

विकास की राह मे कई बार हमे प्रकृति के साथ समझौता करना पड़ता है। किसी भी क्षेत्र के विकास का एक मुख्य आयाम उनको मुख्य मार्गो से जोड़ने वाली सड़के होती है। परन्तु सड़को का निर्माण करते वक्त कई बार वृक्षो को काटना आवश्यक हो जाता है। इसी प्रकार जिले में सभी की पंहुच सुविधाओं तक पहुंचाने के लिए सड़को का निर्माण किया गया है। जिससे लाखों जिंदगियों में एक नया सवेरा आया है। इन मार्गो के बनने से पर्यावरण को जो हुई क्षति हुई है, उसे पूरा करने की सतत् विकास की संकल्पना को साकार करते हुए जिले मे वर्षा ऋतु के प्रारंभ मे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इन वृक्षों को मवेशियों से रक्षा के लिए ट्री गार्ड लगया जाना आवश्यक है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने 10 हजार पौधो के लिए ट्री गार्ड बनाने का जिम्मा जिले की ही बिहान महिला स्व-सहायता समुहों को दिया गया है। सड़क किनारे किये गए वृक्षारोपण में गढ़बेंगाल से लेकर मडागड़ा तक 4600 ट्री गार्ड लागये गए हैं, वही जिले के 27 गौठानो में 5400 ट्री गार्ड लगाए गए हैं।