मेकाज के चिकित्सकों ने टेम्पररी पेसमेकर लगा बचाई मरीज की जान

Chhattisgarh Crimes

जगदलपुर। सांस में तकलीफ, दिल पूरी तरह से ब्लॉक, दिल की धडक़न नहीं चलते देख बीजापुर से 68 वर्षीय मरीज को गंभीर हालत में मेकाज भेज दिया गया। चिकित्सकों ने मरीज की खराब हालत को देखते हुए बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के मरीज की जान बचाने के लिए लग गए, जहाँ 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद टेम्पररी पेसमेकर लगाते हुए न सिर्फ मरीज की जान बचाई, बल्कि उसे पूरी तरह से सामान्य हालात में लाने के बाद राजधानी भी रवाना किया गया।

प्रोफेसर डॉ. नवीन दुल्हानी ने बताया कि बीजापुर निवासी बीएन पॉल 68 वर्षीय की खराब हालत के बाद परिजन उसे बीजापुर के अस्पताल ले गए, जहाँ उपचार के दौरान डॉक्टरों ने मरीज की खराब हालत को देखते हुए उसे मेकाज रेफर किया गया। रविवार की शाम करीब 7 बजे के लगभग मरीज मेकाज पहुँचा, मरीज की खराब हालत का पता चलते ही डॉ. राघवेंद्र चौबे, डॉ. मिथिलेश देवांगन, डॉ. शुभांगी, डॉ. सृष्टि आदि मरीज का इलाज करने पहुँचे, जहाँ मरीज के दिल की धडक़न 18 से 20 थी, वहीं ईसीजी करने पर दिल पूरी तरह से ब्लॉक होने की जानकारी मिली।

मरीज का आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी नहीं था, ऐसे में मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम में टेम्पररी पेसमेकर के माध्यम से मरीज का इलाज करना शुरू किया। टेम्पररी पेसमेकर के माध्यम से दिल की धडक़न को नियंत्रित करने के लिए मांसपेशियों से संपर्क करने के लिए इलेक्टोरेट द्वारा इसका उपयोग किया जाता है, यह इलाज भी चिकित्सा उपकरण है।

करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मरीज का पल्स 78 व ऑक्सीजन सेचुरेशन 100 के करीब पहुँचा। मरीज को इस दौरान स्टाफ नर्स जिसमे रीनू यादव, कोमितला साहू, नीतू प्रधान, गीता यलाम, भानुमति नाग, प्रमिला के द्वारा लगातार उसके दवाओं के साथ ही चिकित्सको के द्वारा गए दिशा निर्देश का पालन किया गया, जिसके कारण मरीज की जान बचाई जा सकी। मरीज की हालत सामान्य होने के बाद सोमवार की शाम को उसे रायपुर भेज दिया गया।