लोगों के बैंक खाते से पैसे गायब हो रहे हैं ! रिजर्व बैंक ने ATM रखने वालों की लिए जारी की चेतावनी…!

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों में एटीएम पर मैन इन द मिडल अटैक की हाल में बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बैंकों को अलर्ट किया गया है. इस तरकीब से अपराधी ATM से कैश निकालने में सफल हो रहे हैं. ऐसे में सभी बैंकों से ATM के सेफ्टी नॉर्म्स को बढ़ाने को कहा गया है. अधिकारियों के मुताबिक, बैंकों से कहा गया है कि वे अपने नेटवर्क में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के जरिए ATM को सुरक्षित बनाएं. केंद्र सरकार और RBI दोनों की ओर से बैंकों को सचेत किया गया है और इस दिशा में उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं !

हाल के दिनों में साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराधी डिजिटल लेनदेन से जुड़े फ्रॉड के लिए नई-नई तरकीब अपना रहे हैं. एटीएम से पैसा निकालते समय काफी सतर्क रहने को कहा जाता है. कई तरह की चालबाजियां होती हैं, जिनके जरिये साइबर अपराधी आपको चूना लगा सकते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार और RBI ने बैंकों को सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए हैं.

MiTM अटैक: जालसाज इन तरीकों से निकाल लेते हैं कैश

केंद्र सरकार ने सभी बैंकों से कहा है कि ATM पर MiTM अटैक बढ़े हैं. MiTM अटैक के तहत ATM स्विच से ATM होस्ट को भेजे जाने वाले मैसेज को हमला करने वाले बदल देते हैं और फ्रॉड तरीके से कैश निकाल लेते हैं. सिक्योरिटी एजेंसियों की जांच में इस बात का पता चला है कि साइबर क्रिमिनल गैंग्स ने ATM से पैसे निकालने के लिए इस नई तरकीब का इस्तेमाल शुरू किया है. ऐसी घटनाओं से वाकिफ एक सिक्योरिटी अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

यूं ATM से कैश निकालते हैं साइबर अपराधी

जांचकर्ताओं के मुताबिक, फ्रॉड करने वाला अपराधी पहले तो ATM की नेटवर्क केबल के साथ छेड़छाड़ करते हैं. ATM स्विच से डिक्लाइंड मैसेज को बदल देते हैं और इसे सक्सेसफुल कैश विद्ड्रॉल ट्रांजैक्शन रेस्पॉन्स कर दिया जाता है. इसके बाद ATM से कैश निकाल लिया जाता है.

साइबर अटैकर पहले ATM मशीन और राउटर के बीच एक डिवाइस डालते हैं. इस डिवाइस में ऑथराइजेशन होस्ट (ATM स्विच) से आने वाले रेस्पॉन्स को बदलने की क्षमता होती है. इसके बाद अटैकर कैश निकालने के लिए रेस्ट्रिक्टेड कार्ड या ब्लॉक्ड कार्ड का इस्तेमाल करते हैं.

एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन सुनिश्चित करें बैंक

फ्रॉड करने वालों के इस तरीके के इस्तेमाल को देखते हुए अधिकारियों ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ATM टर्मिनल या PC और ATM स्विच के बीच होने वाले कम्युनिकेशन के एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन को सुनिश्चित करें. एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन यानी शुरू से अंत तक कूट भाषा का इस्तेमाल. बैंकों से कहा गया है कि ATM परिसर में नेटवर्क केबल, इनपुट या आउटपुट पोर्ट छिपे हुए होने चाहिए और ये सुरक्षित होने चाहिए. इसी तरह की सलाह रिजर्व बैंक की ओर से भी जारी की गई है.

साइबर सिक्योरिटी के 2.90 लाख मामले आए

CERT-In यानी इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम की जानकारियों के मुताबिक, 2018 में साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी हुई कुल 1,59,761 घटनाएं आई थीं. 2019 में ऐसी घटनाओं की संख्या 2,46,514 रही, जबकि 2020 में इन घटनाओं की संख्या बढ़कर 2,90,445 पर पहुंच गई. इन घटनाओं में फिशिंग अटैक, नेटवर्क स्कैनिंग और छानबीन, वायरस और वेबसाइट हैकिंग के मामले शामिल हैं.