डेढ़ साल से बंद हैं मोंगराडीह आंगनबाड़ी केंद्र जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं मासूम बच्चें

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। एक और इस क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को पोष्टिक आहार का वितरण सुपोषित अभियान के अंतर्गत कर जहां बच्चों को तंदुरुस्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है वहीं एक ऐसा भी आँगनबाडी़ केन्द्र है। जो डेढ़ साल से बंद है। वहां बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही सरकार के सुपोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके लिए आंगनबाड़ी महिला बाल विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी गंभीर नहीं दिख रहें है।

आज जिम्मेदारों के लापरवाही का खामियाजा गांव के वो मासूम भुगतने को मजबूर हैं जिन्हें पोषक आहार की शख्त जरूरत हैं । डेढ़ साल से बंद पड़े आंगनबाड़ी को खोलने की दिशा में जिम्मेदार विभाग ने किसी प्रकार की कोई गंभीरता नहीं दिखाई है ऐसे मैं जो सरकारी प्रयास कुपोषित बच्चों के लिए किया जा रहा है वह मैदानी स्तर पर कितना कारगर साबित होगा यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं। हम बात कर रहे हैं गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर राजापडा़व क्षेत्र के ग्राम पंचायत भूतबेड़ा के आश्रित ग्राम मोगराडीह जहां पर डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकर्ता एवं सहायिका के इस्तीफा देने के बाद से अभी तक नया कार्यकर्ता एवं सहायिका नियुक्ति नही किया गया है। भर्ती प्रक्रिया के लिए विधिवत अभ्यर्थियों के द्वारा संबंधित विभाग में आवेदन जमा किया गया है। लेकिन आज तक नई नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र मोंगराडीह में ताला लगा हुआ है।

वहां के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही संपूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाली योजनाओं से बच्चों को वंचित होना पड़ रहा है। मोंगराडीह के ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग एवं एसडीएम मैनपुर से तत्काल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के नियुक्ति करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र को संचालित करने का मांग किया गया है।