नवरात्रि में पूरे नौ दिन मां के अलग-अलग स्वरूप की विधि-विधान से पूजा की जाती है. आदिशक्ति श्री दुर्गाजी का अष्टम रूप श्री महागौरी है, नवरात्रि के आठवें दिन इनकी उपासना की जाती है. इनकी उपासना से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं. उपासक सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है. उसके पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं और भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं रहते.
मां महागौरी की पूजन विधि
अष्टमी तिथि के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात् कलश पूजन के पश्चात् मां की विधि-विधान से पूजा करें. इस दिन मां को सफेद पुष्प अर्पित करें, मां की वंदना मंत्र का उच्चारण करें. आज के दिन माँ को हलुआ, पूरी, सब्जी, काले चने एवं नारियल का भोग लगाएं. माता रानी को चुनरी अर्पित करें. अगर आपके घर अष्टमी की पूजा कि जाती है तो आप पूजा के बाद कन्याओं को भोजन भी करा सकते हैं ये शुभ फल देने वाला माना गया है.
आराधना मंत्र-
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
ये है मां का श्लोक
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।