नगरीय प्रशासन सख्त! गोपनीय प्रतिवेदन नहीं देने पर 17 इंजीनियरों को थमाया नोटिस

राज्य शासन द्वारा मांगे जाने वाले गोपनीय प्रतिवेदन देने में निकायों के इंजीनियरों की लापरवाही सामने आई है। निकायों के करीब 17 इंजीनियरों ने वर्ष 2018 से वार्षिक प्रतिवेदन नगरीय प्रशासन विभाग को नहीं भिजवाया है। इन इंजीनियरों को अब नगरीय प्रशासन विभाग ने नोटिस जारी कर गोपनीय प्रतिवेदन सभी वर्षों का एक साथ भेजने को कहा है।साथ ही निकायों के प्रमुखों को भी इस संबंध में संबंधित इंजीनियरों से तत्काल गोपनीय प्रतिवेदन लेकर विभाग को भेजने को कहा गया है। विभाग ने जिन 17 इंजीनियरों की सूची नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी है, उन लोगों ने गोपनीय प्रतिवेदन के साथ-साथ अपने चल-अचल संपत्ति का विवरण भी नहीं दिया है। किसी ने 2019 से तो किसी ने 2022 से नहीं दिया है।

इन इंजीनियरों के नाम सूची में…

नाम – निकाय – जानकारी नहीं दी
राजेश कुमार राम – अंबिकापुर नगर निगम – 2018 से 2024
दिनेश कुमार नेताम – नगर निगम दुर्ग – 2019 से 2024-25
कु. वसुंधरा भगत – नपा बलरामपुर – 2019 से 2024-25
हितेश ठाकुर – संचालनालय यांत्रिकी प्रकोष्ठ – 2021 से 2024-25
रघुमणि प्रधान – नगर निगम रायपुर – 2018 से 2024-25
वायपी अजमानी – संयुक्त संचालक रायपुर – 2018 से 2024-25
गोपाल राम साहू – सूडा – 2019 से 2024-25
अनिल कुमार सिंह – नगर निगम भिलाई – 2018 से 2024-25
मो. सलीम सिद्दीकी – नपा दल्ली राजहरा – 2018 से 2024-25
विशाल मिश्रा – संयुक्त संचालक बिलासपुर – 2018 से 2024-25
दुजेराम कुर्रे – नगर पालिका तखतपुर – 2019 से 2024-25
संतोष कुमार रवि – नगर निगम अंबिकापुर – 2018 से 2024-25
प्रवीण कुमार साहू – नगर पालिका मुंगेली – 2018 से 2024-25
महेंद्र सिंह जगत – नगर निगम धमतरी – 2018 से 2024-25
सूरज कुमार देवांगन – नगर निगम रायगढ़ – 2018 से 2024-25
नीलेश कुमार पटेल – नगर निगम बिलासपुर – 2018 से 2024-25
विवेक कुमार – संयुक्त संचालक अंबिकापुर – 2018 से 2024-25

हर साल देनी होती है चल-अचल संपत्ति की जानकारी

राज्य शासन के सभी अधिकारी-कर्मचारियों का गोपनीय प्रतिवेदन शासन को देना होता है। इसमें चल-अचल संपत्ति की जानकारी भी शामिल होती है। इसमें बताना होता है कि एक साल में चल-अचल संपत्ति बढ़ोतरी हुई है या कटौती।

कुछ हो जाएंगे सेवानिवृत्त

जिन इंजीनियरों के नाम सूची में शामिल हैं, उनमें से कुछ रिटायरमेंट के करीब है। एकाध तो इस वर्ष नवंबर में ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में यदि गोपनीय प्रतिवेदन और चल-अचल संपत्ति की जानकारी विभाग को समय पर नहीं दी गई, तो रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशन सहित अन्य सुविधाएं रुक भी सकती है।

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