खबर लगातार: छ.ग. गृह निर्माण मंडल निगल लिया 30 मीटर चौड़ी सड़क, दम तोड़ रहीं है, शहर का विकास…

Chhattisgarh Crimes
गृह निर्माण मंडल द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश के मास्टर प्लान के एमआर नंबर-04, पर 30 मीटर चौड़ी सड़क पर बन चुके मकान…

खरोरा, हाऊसिंग बोर्ड, खैरा से बागबाहरा जाने वाली नेशनल हाईवे से जोड़ती है, लिंक रोड…

जयदेव सिंह/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

महासमुंद। शहर विकास का अहम हिस्सा रहे खरोरा, खैरा से बागबाहरा नेशनल हाईवे को जोड़ने वाली प्रस्तावित एम. आर. नंबर-04, 30 मीटर, करीब 100 फीट चौड़ी सड़क (लिंक रोड) एक चुक के कारण छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा स्थापित अटल बिहार कालोनी के अलावा निजी लोगों द्वारा किए गए अवैध प्लाटिंग ने निगल लिया। जैसे कोई अजगर अपने शिकार को निगल जाता है। और यह सब कहीं और नहीं बल्कि जिले के आला अफसरों के नाक के नीचे होता रहा। अब कभी आम लोगों को राहत के लिए खरोरा से खैरा के पास निकलने वाली नेशनल हाईवे से लिंक रोड शायद ही जुड़ सके…?

Chhattisgarh Crimes
मास्टर प्लान में प्रस्तावित 30 मीटर सड़क जो निजी भूमि से गुजर कर जाएगी…

किसी भी विकसित शहर की पहचान बेहतर सड़कों से होती है। इसके अलावा बढ़ती आवादी और यातायात के दबाव को देखते हुए उसका विकास का पैमाना तय किया जाता है। और इसके लिए शासन द्वारा वर्ष 1973 में नगर तथा ग्राम निवेश की स्थापना की गई थी। जो आने वाले समय में शहर विकास की रेखाएं खींचने का काम करती है। लेकिन बेपरवाह और गैर जिम्मेदार अफसर शहर विकास की रेखाएं मिटाने पर आमादा है। ऐसे ही गैर जिम्मेदार अफसरों ने खरोरा स्थित नेशनल हाईवे से होते हुए जिला अस्पताल से हो कर हाऊसिंग बोर्ड के अटल बिहार कालोनी से ग्राम खैरा के पास बागबाहरा की ओर जाने वाली नेशनल हाईवे पर निकलने वाली एमआर नंबर-04, 30 मीटर यानी करीब 100 फीट लिंक रोड का अस्तित्व ही मिटाकर रख दिया है। दरसअल महासमुंद में वर्ष 2014 से अस्तित्व में आया नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा महासमुंद विकास योजना 2031 तक के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। आनेवाले समय और उसके साथ बढ़ती आवादी, मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शहर सहित कुछ ग्रामीण क्षेत्र में यातायात व्यवस्था के साथ अधोसंरचना की लकीरें खींची गई थी। लेकिन उस विकास की खींची गई लकीर को और कोई नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और निजी लोगों के द्वारा किया गया अवैध प्लाटिंग ने मिटाने का काम किया है। इतने सालों बाद गृह निर्माण मंडल जागा और अब इसमें सुधार के लिए हेडक्वार्टर को पत्र लिखा है। इस संबंध में गृह निर्माण मंडल के कार्यपालन अभियंता अजय नायडू से संपर्क किया गया। लेकिन मोबाइल रिसीव नहीं किया।

Chhattisgarh Crimes
नगर तथा ग्राम निवेश के मास्टर प्लान में दर्ज एम आर नंबर-04, 30 मीटर चौड़ी सड़क…

दोनों विभागों ने की गंभीर त्रुटि

इसे खुदकिस्मती कहें या बदकिस्मती कि, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के कदम जिला मुख्यालय में पड़े थे…? लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2007 में गृह निर्माण मंडल द्वारा एचआईजी, सीनियर एमआईजी टाइप 1,2, जूनियर एम आई जी टाइप 1,2, एल आई जी, तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भवन निर्माण का लेआउट अनुमोदन करवाया। परंतु नगर तथा ग्राम निवेश के रायपुर में बैठे गैर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लिंक रोड के लिए 30 मीटर सड़क का प्रस्ताव मास्टर प्लान में कर दिया। उस खसरे की भूमि प्रस्तावित मार्ग पर बहुत से मकानों का निर्माण किया जा चुका है। तो दूसरी ओर जिला अधिकारियों के लिए बनाए गए कालोनी के पीछे निजी भूमि पर अवैध प्लाटिंग में भी भवन का निर्माण हो चुका है। जब मास्टर प्लान तैयार किया गया एवं प्रकाशन समय आपत्ति सुझाव के लिए एक माह का प्रदर्शनी लगाया गया था। परंतु छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के किसी भी अधिकारी ने नगर तथा ग्राम निवेश में आपत्ति तक दर्ज नहीं कराया। उस दौरान गृह निर्माण मंडल के सारे अफसर कुभकर्णी निद्रावस्था में थे। गृह निर्माण मंडल को इतनी भी सुधी नहीं थी कि, नगर तथा ग्राम निवेश को पत्र लिखकर मास्टर प्लान में संशोधित कर लिंक रोड को हटाकर दूसरे स्थान का चयन किया जा सके।

स्वार्थपरक राजनीति और नाकाम अफसरों ने महासमुंद विकास का किया बेड़ागर्क

महासमुंद जिले के जनप्रतिनिधियों का स्वार्थपरक राजनीति के कारण ही अफसरों ने भी अपनी नाकामियों को छिपाते हुए जनप्रतिनिधियों का जमकर फायदा उठाया है। इसी का परिणाम है कि, ढाई लाख आवादी वाले जिले में क्या होगा और क्या नहीं यह सब रायपुर में बैठे अफसर तय कर देते हैं, और यहां के जनप्रतिनिधियों को इसकी भनक तक नहीं लगती। इसके चलते खरोरा नेशनल हाईवे से मचेवा, खैरा से बागबाहरा को जोड़ने वाली लिंक रोड का अस्तित्व मिटा दिया जाता है, और खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।

शासन के निर्देश पर होगी कार्यवाही

नगर तथा ग्राम निवेश के प्रभारी सहायक संचालक एस. आर. अजगरा का कहना है कि, प्रस्तावित सड़क एम आर-04, 30 मीटर की सीमा में बिना अनुमति के गृह निर्माण मंडल और निजी भूमि स्वामी द्वारा भवन निर्माण किया जा चुका है। जो लिंक रोड नेशनल हाईवे खरोरा, मचेवा, परसकोल गृह निर्माण मंडल से होते हुए खैरा से बागबाहरा नेशनल हाइवे से जुड़ता है। इन मकानों को तोड़ना है या नहीं शासन से जो भी निर्देश मिलेगा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।