शराब समेत मादक पदार्थों की तस्करी के कई ख़ुलासों के बाद भी नशे के कारोबार का नेटवर्क नहीं तोड़ पाना प्रदेश सरकार के लिए शर्म का विषय : भाजपा

  • भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने नशीले पदार्थों के गोरखधंधे पर कहा- मौज़ूदा कांग्रेस सरकार का राज्य को ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ बनता देखकर चुप्पी साधे बैठे रहने से कई सवाल खड़े हो रहे
  • मादक पदार्थों का कारोबार फैलाकर प्रदेश को अंधी खाई में धकेल रहे नशे के सौदागरों पर क़ानूनी शिकंजा कसने की रणनीतिक कार्ययोजना बनाने की ज़रूरत प्रदेश सरकार कब महसूस करेगी?

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ में नशीले पदार्थों के चल रहे गोरखधंधे को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर होते हुए कहा है कि मौज़ूदा कांग्रेस सरकार का राज्य को ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ बनता देखकर चुप्पी साधे बैठे रहना कई सवाल खड़े कर रहा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पंजाब से चरस लाकर छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाक़ों, विशेषकर राजधानी में खपाने वाले नशे के सौदागरों की गिरफ़्तारी और उनके पास से लाखों रुपए मूल्य के चरस व चिट्टा की बरामदगी बेहद चिंताजनक है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस का शासनकाल तमाम तरह के अपराधों, गोरखधंधों, मादक पदार्थों की तस्करी, नशाखोरी के चलते प्रदेश के लिए एक कलंकित अध्याय के रूप में दर्ज हो चुका है। प्रदेश सरकार के राजनीतिक संरक्षण में शराब की तस्करी में कांग्रेस नेताओं अथवा उनके क़रीबियों की संलिप्तता और उसमें पुलिस प्रशासन की सहभागिता के कई मामले प्रदेश में सामने आ चुके हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार की नाक के नीचे नशे के सौदागरों की बढ़ती आमदरफ़्त ने न केवल छत्तीसगढ़ और राजधानी को नशे के गर्त में धकेलने का काम किया है, अपितु प्रशासनिक उदासीनता ने ऐसे अपराध कर्मों के सूत्रधारों का हौसला बुलंद किया है। ठीक होली के दिन 25 लाख रुपए मूल्य का गांजा राजस्थान ले जाते दो लोगों की गिरफ़्तारी भी शासन-प्रशासन कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि नशे के इस काले कारोबार ने प्रदेश को ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ बना दिया है और तमाम तरह के अपराधों में इज़ाफ़ा किया है, जिससे प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था दम तोड़ती नज़र आ रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी न तो नशीले पदार्थों के गोरखधंधे पर लगाम कस पा रही है और न ही अपराधियों में क़ानून के राज का ख़ौफ़ पैदा कर पा रही है। छत्तीसगढ़ में उसकी सीमा से लगे प्रदेशों के अलावा देश के दीग़र इलाक़ों से शराब समेत मादक पदार्थों की तस्करी के कई मामले सामने आने के बाद भी प्रदेश सरकार नशे के कारोबार का नेटवर्क नहीं तोड़ पाई है, यह इस सरकार के लिए शर्म का विषय है। श्री श्रीवास्तव ने सवाल किया कि प्रदेश में जिस रफ़्तार से मादक पदार्थों का कारोबार फैलाकर नशे के सौदागर प्रदेश को अंधी खाई में धकेल रहे हैं, उन पर क़ानूनी शिकंजा कसने की रणनीतिक कार्ययोजना बनाने की ज़रूरत प्रदेश सरकार को कब महसूस होगी? श्री श्रीवास्तव ने आशंका व्यक्त की कि कहीं इस पूरे काले कारोबार में लगे लोगों को प्रदेश के सत्तारूढ़ दल का राजनीतिक संरक्षण तो नहीं दे रहा है? प्रदेश सरकार नशे के सौदागरों पर क़ानूनी नकेल कसकर राज्य को नशे के कारोबार के लिए मुफ़ीद ज़गह न बनने दे।