अब अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ होगी एफआईआर

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। पिछले दो माह से राजधानी में लगातार छोटे अवैध कब्जे और आउटर में अवैध प्लाटिंग को लेकर प्रशासन अब सख्त हो गया है। कब्जे हटाने की मुहिम नगर निगम जोन स्तर पर चला रहा है, लेकिन कलेक्टर ने शुक्रवार को सारे राजस्व अफसरों को निर्देश दिए हैं कि सोमवार से कब्जा करने वालों के खिलाफ अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए और मामले कोर्ट में पेश किए जाएं। अवैध प्लाटिंग करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई सख्ती से होनी चाहिए, ताकि इस प्रवृत्ति को रोका जा सके।

राजधानी समेत जिले में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्रशासन अभियान चलाएगा। रायपुर कलेक्टर ने सरकारी जमीन पर कब्जा को चिन्हित करके इन जगहों में लाल झंडा लगाने के लिए निर्देश जारी किया है। कलेक्टर डा. एस. भारतीदासन ने बताया कि अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। मामले में जानकारों का कहना है कि प्रशासन ने समय रहते जमीन पर कब्जा होने के दौरान कोई निगरानी नहीं की। जिन जिम्मेदारों को कब्जा रोकना था, उन्होंने पहले तो आंखें मूंद लीं और प्रशासन का दावा है कि अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा। बता दें कि जिले में करीब 30 हजार से अधिक जगहों में लोगों ने कब्जा कर रखा है। अब कितने रकबे पर कब्जा है, इसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है। तहसीलदारों को निर्देश दिया गया है कि वे कब्जे की रिपोर्ट तैयार करके सरकारी जमीन को चिन्हित करें। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सरकारी जमीन पर बाड़ी बना लेते हैं। शहर के आउटरों में सालों से अवैध प्लाटिंग चल रही है। खासकर बिरगांव में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग और शासकीय जमीन पर कब्जे का खेल चल रहा है। बिना लाइसेंस कॉलोनाइजर धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग कर रहा था। निगम प्रशासन को लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी।

शिकायत के बाद निगम के अधिकारियों की नींद टूटी और शासकीय जमीन पर कब्जा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा तो किया लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। शहर की सरकारी जमीन पर कब्जा न हो इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी कलेक्टर से लेकर एसडीएम, एडीएम, तहसीदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों को है लेकिन इनकी अनदेखी से कब्जाधारियों के हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में पंचायती राज आने के बाद कब्जा न हो इसकी निगरानी करने का अधिकार पंचायत के पदाधिकारियों को भी दिया गया है इसके बाद भी यहां कब्जा है।

कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे अतिक्रमण के खिलाफ अभियान संचालित कर ठोस और प्रभावी कार्रवाई करें। गांवों में पटवारियों के माध्यम से टीम बनाकर शासकीय भूमि का चिंहाकित करने और उस पर लाल फ्लेग लगाने को कहा। कलेक्टर ने सीमांकन के प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष कर एक वर्ष से पुराने सीमांकन प्रकरणों को तत्काल निराकृत करने को कहा। उन्होंने नामांकन के प्रकरणों का भी आनलाइन पंजीयन कर उन्हें 15 दिनों की समय-सीमा में निराकृत करने को कहा। उन्होंने ई-कोर्ट के प्रकरणों की समीक्षा की और नोटशीट आदि दस्तावेजों को तत्काल अपलोड करने को कहा। उन्होंने आबादी पट्टों की समीक्षा करते हुए इन्हें तैयार करने के साथ उनके वितरण की कार्यवाही भी करने को कहा। उन्होंने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के क्रियान्वन की भी समीक्षा की।